कहीं मजदूरों की बल्ले बल्ले तो कहीं रोटी के लाले, मशीनों से लिया जा रहा है काम

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बलिया। कोरोना वायरस ( कोविड 19 ) के आतंक के चलते भारी तादाद में मजदूर अन्य प्रदेशों से वापस अपने घर लौटे हैं. मजदूरों को मनरेगा के तहत बांसडीह ब्लॉक में पर्याप्त काम दिया जा रहा है, जबकि सोहांव ब्लॉक के पालीगोरा गांव में सड़क मरम्मत के लिए जेसीबी से काम करवाया जा रहा है.

हमारे संवाददाता रविशंकर पांडेय के मुताबिक बुधवार को रोजगार दिवस के अवसर पर बाँसडीह तहसील के पिण्डहरा गाँव में अलग ही उत्साह देखा गया. खण्ड विकास अधिकारी रणजीत कुमार और ग्राम प्रधान पिण्डहरा के प्रतिनिधि ने राकेश तिवारी छोटे ने रोजगार दिवस पर मजदूरों के काम करने के दौरान पहुंचकर उत्साह वर्धन किया. इस दौरान बीडीओ रंजीत कुमार ने कहा कि बाँसडीह ब्लाक में लगभग प्रतिदिन दो से तीन हजार श्रमिक मनरेगा में मजदूरी कार्य कर रहे हैं. वहीं अभी तक पूरे बांसडीह ब्लॉक में 49000 श्रमिक नरेगा में मजदूरी किए हैं. प्रतिदिन दो से तीन हजार मजदूरों को नरेगा में काम मिल रहा है. वही रोजगार सेवक बशीर अहमद भी नरेगा में कार्य कर रहे मजदूरों का उत्साह बढाए.

सोहांव में मजदूर नहीं, जेसीबी गरज रही

हमारे प्रतिनिधि अंजनी कुमार मिश्र ने बताया कि सोहाँव ब्लॉक के पालीगोरा गाँव की बीन बस्ती से अक्तियापुर को जाने वाली सड़क के मरम्मत कार्य के लिए ठेकेदार ने जेसीबी मशीन से कार्य करवाया. इस बात को लेकर ग्रामीण दैनिक श्रमिकों ने विरोध किया. उन्होंने काम देने की माँग को लेकर ग्राम प्रधान से लेकर ग्राम रोजगार सेवक तक अपनी बात रखी. मगर उनकी दैनिक मजदूरी की व्यवस्था कोई नहीं कर सका. जेसीबी से काम करवाए जाने से निराश रामबहादुर बिन्द, राममूरत बिन्द, राम सुखारी राम, रामजन्म बिन्द, बंशीलाल बिन्द, गिरधारी राजभर, रामाशंकर बिन्द ने विरोध प्रदर्शन करते हुए उच्च अधिकारियों से रोजगार देने एवं मशीन द्वारा काम न कराए जाने की माँग की है. अगर इसी तरह की हरकत होती रही तो आखिरी पायदान पर खड़ा मजदूर भला आत्मनिर्भर कैसे हो सकता है और प्रधानमंत्री एवं मुख्यमंत्री का सपना कैसे साकार हो सकता है.