बलिया जिले में अब कोरोना मरीजों की संख्या हुई 52, घर भी लौटे 26

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बलिया। सोमवार को एक ओर जहां 14 मरीज ठीक होकर घर को रवाना हुए, वहीं सोमवार को तीन नए केस भी मिले. अब जनपद में कुल मरीजों की संख्या 52 हो गयी है. जिसमे एक्टिव मरीजों की संख्या 26 है. वही ठीक हुए मरीजों की संख्या भी 26 है. अर्थात कुल मिले मरीजो में आधे मरीज ठीक होकर घर लौट चुके है. तीन नये मरीज मिलने पर जनपद में तीन नए हॉटस्पॉट बनाये गये है, जिनमे हड़िहाकला थाना रेवती, बिसौली थाना सहतवार तथा करमानपुर थाना बैरिया सम्मिलित है.

बलिया जिले में नए हॉट स्पॉट

जनपद के 14 मरीजों की दूसरी जांच रिपोर्ट आई निगेटिव. जनपद वासियों के लिए सोमवार का दिन अच्छी खबर लेकर आया. एक तरफ जहां कोरोना संक्रमित मरीजों की बढ़ती संख्या चिंता बढ़ा दे रही है. वहीं ठीक होने वाले मरीजों की संख्या सकुन देने का काम कर रहा है. इसी क्रम में सोमवार को 14 कोरोना संक्रमितों की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आई है. इसके पहले 12 संक्रमितों की दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है.

दूसरी रिपोर्ट निगेटिव आने के बाद बसंतपुर स्थित अस्पताल से मिली छुट्टी

जनपद के और 14 मरीज स्वस्थ होकर लौटे घर. कोरोना मरीजों की संख्या में इजाफा जरूर हो रहा है, लेकिन राहत की बात यह है कि रिकवर करने वालों की भी संख्या बढ़ रही है.
बसन्तपुर स्थित एल-1 फैसिलिटी सेंटर में आइसोलेट किए गए मरीजों में 14 और मरीज ठीक होकर अपने घर पहुंचे. संयुक्त मजिस्ट्रेट और कोरोना के नोडल विपिन कुमार जैन की मौजूदगी में सभी मरीजों को एंबुलेंस से उनके घर पहुंचाया गया.

घर जाने के लिए एंबुलेंस में बैठाते समय जैन ने सभी को जरूरी सलाह दी. कहा, अभी घर जाकर एक हफ्ते होम क्वारंटाइन में रहना है. उसके बाद भी मास्क का प्रयोग, सोशल डिस्टेंस का पालन आदि जैसी सावधानियां बरतनी है. बताया कि सभी लोगों को एक हजार उनके खाते में भेजा जाएगा और अगले दिन उनके घर राशन भी पहुंच जाएगा. नए युवाओं से कहा कि अगर आप लोग रोजगार के इच्छुक हों तो मनरेगा योजनांतर्गत जॉबकार्ड बनवा कर अपने गांव में ही काम करके आय प्राप्त कर सकते हैं.

ठीक हुई 63 वर्षीय वृद्धा, रोज पूछती थी कब जाऊंगी घर

बसन्तपुर अस्पताल में आइसोलेट की गई 63 वर्षीय वृद्धा को भी अस्पताल से छुट्टी दे दी गई. दरअसल, 60 वर्ष के ऊपर के मरीज को अक्सर मण्डलीय स्तर पर बने फैसिलिटी सेंटर में रेफर कर दिया जाता है, लेकिन यहां एल-1 अस्पताल में बेहतर चिकित्सा सुविधा दी गई. मेडिकल स्टाफ ने वृद्धा का विशेष तौर पर ख्याल रखा. आयुर्वेदिक औषधि, च्यवनप्राश आदि समय-समय पर देते रहे. इसी का परिणाम रहा कि महज एक हफ्ते में ही महिला की रिपोर्ट नेगेटिव आ गई और उन्हें अस्पताल से छुट्टी मिल गई. डॉक्टरों के अनुसार, स्वस्थ होने के बाद घर जाने की सूचना जैसे ही महिला को मिली, वह खुशी से झूम उठी. वजह कि अस्पताल में आने के बाद से ही वह रोज पूछती थी कि घर कब जाऊंगी. जाते समय उसके चेहरे पर खुशी साफ दिख रही थी. वृद्धा ने वहां मौजूद संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन जैन समेत सभी डॉक्टरों को हाथ जोड़कर अभिवादन और धन्यवाद ज्ञापित किया.

ठीक हुए मरीजों ने एक स्वर से बोला ‘थैंक्स सर’

अस्पताल से छुट्टी मिलने के बाद भला कौन खुश नहीं होगा. वह भी ऐसी बीमारी से, जिससे पूरा विश्व भयभीत है. बसंतपुर अस्पताल से सोमवार को 14 मरीज जब ठीक होकर अपने घर की ओर निकले तो वे बेहद खुश थे. उन्होंने बाहर आकर सभी चिकित्सकों के प्रति आभार प्रकट किया. जैसे ही एंबुलेंस स्टार्ट हुई, ठीक हुए सभी मरीजों ने एक स्वर से सभी अधिकारियों और डॉक्टरों को ‘थैंक्स सर’ बोला. यह क्षण भी पूरे सरकारी महकमे के लिए गौरवान्वित करने वाला था.

आगामी रणनीति पर की चर्चा, बढ़ाया हौसला

संयुक्त मजिस्ट्रेट विपिन कुमार जैन ने सभी ठीक हुए मरीजों को घर भेजने के बाद अस्पताल के बाहर ही सभी मेडिकल स्टाफ के साथ आगे की रणनीति पर चर्चा की. उन्होंने शासन की ओर से मिल रही ताजा गाइडलाइन से लेकर मरीजों की व्यवस्था की बेहतरी पर बातचीत की. डॉक्टरों का हौसला बढ़ाते हुए कहा, ‘आप लोगों की ईमानदारी और लगन से की गई मेहनत का ही परिणाम है कि जिले में एक हफ्ते से भी कम समय में मरीज रिकवर कर जा रहे हैं.’ डॉक्टरों ने भी एकस्वर से भरोसा दिलाया कि इस महामारी में बिना रुके, बिना थके तब तक काम करते रहेंगे, जब तक इस महामारी पर विजय नहीं पा लें.

कोरोना मरीज के परिजनों का उत्पीड़न

बैरिया थाना क्षेत्र के शोभाछपरा गांव में कोरोना पॉजिटिव मिले युवक को प्रशासन द्वारा अस्पताल में भर्ती कराए जाने के बाद गांव के कुछ शरारती किस्म के युवक उसके परिजनों को परेशान कर रहे हैं. रात में उसके घर पर ईंट-पत्थर फेंकना, उसके दरवाजे का हैंडपंप तोड़ देना और महिलाओं को गंदी-गंदी गालियां देने सहित कई तरह से उन्हें परेशान किया जा रहा है. इस संदर्भ में पीड़ित के चाचा बृजकिशोर सिंह, जो दोनों पैरों से दिव्यांग हैं, बैरिया थाने में तहरीर देकर सुरक्षा की गुहार लगाई है.