वर्चुअल कोर्ट से होंगें न्यायिक कार्य

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समस्त न्यायिक कार्य सामाजिक दूरी के साथ किये जायेंगे सम्पादित

बलिया। जिला जज गजेन्द्र कुमार ने बताया कि ग्यारह न्यायालय खुलना शुरू हो गया है. साथ ही वादी, प्रतिवादी व जनसामान्य की परेशानियों को दूर करने के लिए हेल्प लाइन नम्बर व ईमेल आई जारी किया गया. इस कोई भी जनसामान्य अपनी परेशानियों से सम्बंधित हेल्पलाइन नम्बर पर बात कर सकता है अथवा ईमेल पर अपना प्रार्थना पत्र भेज सकते है. यह हेल्प लाईन न0 9919043111 व ईमेल आईडी [email protected] है।
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कोर्ट में समस्त न्यायिक कार्य समाजिक दूरी को बनाये रखते हुए सम्पादित किये जायेंगे. उक्त समाजिक दूरी को देखते हुये दीवानी न्यायालय के सेन्ट्रल हाल में वर्चुअल कोर्ट की स्थापना की गयी है. इसमें कैमरा व स्पीकर लगा हुआ है. सम्बन्धित अधिवक्ता अपने निचिश्त समय पर उक्त वर्चुअल कोर्ट में उपस्थित होकर अपना पक्ष रख सकते हैं. न्यायिक अधिकारी अपने चेम्बर में लेपटाप के माध्यम से वर्चुअल कोर्ट रूम से कनेक्ट होते हैं. सभी अधिवक्ता व वादकारी सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करेंगें और मास्क अनिवार्य रूप से लगायेंगे.

कार्य प्रात: 07 बजे से 10 बजे तक होगा.
ये कोर्ट कर रही है कार्य


सत्र न्यायाधीश, प्रधान न्यायाधीश, परिवार न्यायालय, विशेष न्यायाधीश, अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति (अत्याचार निवारण) अधिनियम/ अपर सत्र न्यायाधीश, बलिया, विशेष न्यायाधीश, (ई0सी0 एक्ट) अपर सत्र न्यायाधीश, बलिया, विशेष न्यायाधीश (पाक्सो एक्ट)/ अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या- 08, विशेष न्यायाधीश (एन0डी0पी0एस0 एक्ट)/ अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या- 09, विशेष न्यायाधीश (गैंगेस्टर एक्ट)/अपर जनपद एवं सत्र न्यायाधीश, न्यायालय संख्या-05, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी, सिविल जज (सि0डि0), सिविल जज (जू0डि0) पूर्वी, सिविल जज (जू0डि0) पश्चिमी है।
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इन वादों पर होगी सुनवाई

अर्जेन्ट प्रकृति के वादों पर सुनवाई होगी, जिसमें  लम्बित एवं नवीन जमानत प्रार्थना पत्र, लम्बित एवं नवीन अग्रिम जमानत प्रार्थना पत्र, पुलिस द्वारा मांगी गयी वारेन्ट, 82/83 की कार्यवाही, 164 Cr.PC के अन्तर्गत लिखे जाने वाले बयान, रिमाण्ड/ विचाराधीन बन्दियों से सम्बन्धित अन्य न्यायिक कार्य तथा बहस जैसी कार्यवाहियां सम्मिलित हैं.

अब मिठाई, फ़ास्टफ़ूड और बेकरी की दुकानें भी खुलेंगी

सिर्फ होम डिलीवरी तथा पैकेटिंग के रूप में ही होंगी बिक्री

लॉकडाउन के दौरान नगर क्षेत्र में अब मिठाई की दुकान, पिज्जाहट, फ़ास्ट फ़ूड तथा बेकरी की दुकानों को भी खोलने की अनुमति दे दी गई है, बशर्ते उनको प्रशासन की ओर से जारी शर्तों का पालन करना होगा. अगर किसी ने उल्लंघन किया तो अनुमति स्वतः निरस्त हो जाएगी और उलंघन करने वाले पर दण्डात्मक कार्रवाई भी होगी.

सिटी मजिस्ट्रेट राजेश कुमार यादव ने बताया कि इन दुकानों को सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे के बीच खोला जा सकता है. शर्त ये होगी कि दुकान के अंदर किसी भी ग्राहक को बैठाकर सेवा नहीं दी जाएगी. सिर्फ होम डिलीवरी तथा पैकेजिंग के रूप में ही बिक्री की जा सकेगी. सोशल डिस्टेंस का पूरा ख्याल रखा जाना जरूरी होगा. इसके लिए दुकान के सामने पर्याप्त बैरिकेडिंग तथा पर्याप्त दूरी के अंतराल पर गोल घेरा बनाकर ग्राहक को खड़ा कराने की व्यवस्था करनी होगी.

सैनिटाइजर तथा हैंड ग्लब्स व मास्क का प्रयोग स्वयं तथा वहां कार्यरत सभी कार्मिकों को करना होगा. सिटी मजिस्ट्रेट ने बताया कि आरोग्य सेतु ऐप तथा आयुष कवच को दुकान मालिक तथा वहां के सभी कार्मिक के फोन में डाउनलोड रहना चाहिए. ग्राहकों को भी मास्क लगाने तथा इन एप्लीकेशन को डाउनलोड करने के लिए लगातार प्रेरित करना होगा. उन्होंने स्पष्ट किया है कि अगर इसमें किसी भी शर्त का उल्लंघन हुआ तो उस स्थिति में अनुमति स्वतः निरस्त मानी जाएगी और संबंधित के विरुद्ध दंडात्मक कार्रवाई भी होगी.

शराब दुकानों पर नाबालिगों की भीड़ रोकने को भेजा पत्र

शराब, बीयर व ठेकों की दुकानों पर नाबालिग की मौजूदगी की शिकायते मिल रही थी. इस बात गंभीरता से लेते हुए न्यायपीठ बाल कल्याण समिति बलिया के न्यायिक सदस्य राजू सिंह ने जिला आबकारी अधिकारी को आज पत्र लिखकर अविलम्ब रोकने को कहा है. आजकल लॉकडाउन के समय शराब और बीयर की दुकान पर नाबालिग देखे जा रहे है.

न्यायपीठ बाल कल्याण समिति ने जिला आबकारी अधिकारी से कहा है कि किसी भी स्थिति मे 18वर्ष से कम आयु के बालक को शराब के खरीद बिक्री प्रतिबंधित का बोर्ड अवश्य लगवाएं. न्यायिक सदस्य राजू सिह ने बताया कि 18 वर्ष से कम आयु के बालक को शराब बेचना, बिकवाना व खरीदवाना तस्करी करने के लिये उपयोग करना दण्डनीय अपराध है.

किशोर न्याय अधिनियम 2015 कि धारा -77,78 के तहत दोषियों को सात वर्ष कि सजा व एक लाख रुपये जुमार्ना का प्रावधान है. साथ ही समिति के न्यायिक सदस्य राजू सिंह ने पुलिस अधीक्षक महोदय पत्र लिखकर सुचित किया है कि थानाध्यक्ष को अपने स्तर से निदेशित करें की शराब की दुकानों पर नाबालिग से खरीद बिक्री पर अपने अपने क्षेत्र मे शक्ति पुवक रोक लगाएं.