पैदल चले उत्तराखण्ड से, रास्ते में ही हुआ पैरालिसिस, घर पहुंच तोड़ा दम

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

बांसडीह (बलिया) से रविशंकर पांडेय

उत्तराखण्ड के नैनीताल स्थित लाल कुआं से एक मजदूर ठेकेदार लॉकडाउन के चलते काम बंद होने और भोजन की व्यवस्था नहीं होने पर पैदल ही अपने घर के लिए चल पड़े. गुरुवार की देर शाम इसकी कीमत उसे जान गंवा कर चुकानी पड़ी. मामला मनियर थाना क्षेत्र के ग्राम पंचायत दिघेड़ा अंतर्गत गौराबंगही का है.

गौराबंगही निवासी श्याम बहादुर यादव (55 वर्ष) पुत्र केदार यादव अक्सर मजदूरों को लेकर उत्तराखण्ड के लाल कुआं जाते थे. वहां मजदूर नदी से रेता, बजरी निकालते थे. इस वर्ष भी वह कुछ मजदूरों को लेकर होली के दो दिन बाद गए थे. वहां लाल कुआं के गौला गेट जिला नैनीताल उत्तरांचल में मजदूरों के साथ थे. नदी में ज्यादा पानी होने के चलते काम बंद था. लिहाजा मजदूर गेहूं की कटिया किया करते थे. कुल मिलाकर किसी तरह से अपनी जीविका चलाते थे. इसके बाद नदी का पानी कम होने पर मुश्किल से चार रोज काम किए, तब तक लॉकडाउन हो गया.

दो जून रोटी के भी लाले पड़ गए. फिर वे अपने साथ गए करीब 10 मजदूरों के साथ वहां से पैदल निकल पड़े. छह मजदूर आगे निकल गए थे. उनके साथ चार मजदूर चल रहे थे. तीन दिन बाद करीब 100 किलोमीटर की यात्रा तय कर पीलीभीत पहुंचे. उनके साथ आये दया राजभर निवासी गौरी शाहपुर मठिया ने बताया कि बिना खाए-पिए,चाय और बिस्कुट के सहारे यह यात्रा इन लोगों ने पूरी की थी. बीच रास्ते में ही पीलीभीत के पास श्याम बहादुर यादव को पैरालिसिस हो गया.
उनके साथ चल रहे मजदूरों ने इसकी सूचना परिजनों को दी.

परिजन उत्तर प्रदेश विधानसभा में प्रतिपक्ष के नेता रामगोविंद चौधरी से संपर्क कर सहयोग की मांग किए. उनकी पहल पर किसी स्थानीय नेता के सहयोग से उन्हें पीलीभीत जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. सिर्फ दया राजभर को वहां के प्रशासन ने श्याम बहादुर के साथ रहने को कहा. बाकी लोगों को वहीं क्वारंटाइन कर दिए गए. वहां से उन्हें बरेली बेहतर इलाज के लिए रेफर कर दिया गया. वहां स्थिति में सुधार न होने पर एंबुलेंस कर उन्हें विगत रविवार को घर ले आया गया. बृहस्पतिवार के दिन किसी डॉक्टर के यहां ले जाते समय रास्ते में ही उनकी मौत हो गई.
मृतक के दो पुत्र मनोज यादव (20) व धर्मेंद्र (12) हैं. बड़ा लड़का मनोज यादव लॉकडाउन में कर्नाटक के बंगलौर शहर में फंसा हुआ है. दूसरा धर्मेंद्र 12 वर्ष का है, जो पिता का दाह संस्कार कर रहा है. पत्नी धनवा देवी का रो रो कर बुरा हाल है.