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- आधे से अधिक आलू खेत में ही,जमीन में ही सड़ने का अंदेशा
बैरिया : चैत के महीने में दो दिनों से रुक रुक कर हो रही वर्षा ने गेहूं, मसूर और सब्जी उत्पादक किसानों की कमर तोड़कर रख दी है. अब कटाई के कगार पर गेहूं हवा और बारिश के कारण गिर गए हैं. मसूर की फसल काली पड़ गई है.
द्वाबा के किसानों की रीढ़ मानी जा रही मसूर की खेती चौपट हो गई. टमाटर की पैदावार को भारी नुकसान पहुंचा है. वही बैगन, गोभी, मटर, बिन्स, मिर्च की फसल भी इससे क्षतिग्रस्त हुई है.
इलाके के बीबीटोला, सोनबरसा, इब्राहिमाबाद, बघमरिया, रामनगर सहित दर्जन भर गांवों के किसानों की मानें तो इस बारिश ने सब्जी की फसल तबाह कर दी है. ये गांव सब्जी की पैदावार में मिसाल हैं.
बता दें कि बैरिया तहसील क्षेत्र के बड़े भूभाग में सब्जी की खेती होती है. यह किसानों की कमाई का अहम स्रोत है. कुछ लोग निजी खेती करते हैं तो कुछ लोग लगान पर लेकर.
सब्जी उत्पादक प्रति एकड़ पांच से 20 हजार तक खर्च कर प्रति एकड़ 50 हजार से एक लाख रुपये तक की कमाई करते है. इस बेमौसम की बरसात ने सब्जी की पैदावार को पूरी तरह नष्ट होने की स्थिति में पहुंचा दी है.
आलू उत्पादकों का तो और भी बुरा हाल है. आधे से अधिक आलू अभी खेत में ही है. गुड़ाई नहीं हुई है. अनपेक्षित बरसात से आलू जमीन में ही सड़ सकते हैं.