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- क्षेत्र के लोगों के लिए आस्था का केंद्र है बाबा गरीबानाथ शिव मंदिर
दुबहड़ : शहीद मंगल पांडेय के पैतृक गांव नगवा स्थित बाबा गरीबानाथ शिव मंदिर क्षेत्रवासियों के लिए आस्था का केंद्र है. मंदिर में क्षेत्र के कोने-कोने से हजारों श्रद्धालु पूजन-अर्चन एवं जलाभिषेक करने आते हैं. कहा जाता है कि यहां लोगों की मन्नतें पूरी होती है.
विदित हो कि परंपरा के अनुसार यदुवंशी परिवार के दो भाई बृजन यादव और हरि यादव 1945 में महाशिवरात्रि के अवसर पर छितौनी स्थित बाबा क्षितेश्वरनाथ मंदिर गंगाजल लेकर जलाभिषेक करने गए थे.
घर लौटते समय दोनों भाइयों ने छाता रेलवे लाइन के किनारे बिछाए गए पत्थर के टुकड़ों में से पांच चिकने पत्थर की पिंडी अपने घर लाए. घर के नजदीक ही एक बेल के वृक्ष के नीचे रखकर गंगाजल चढ़ाने लगे.
धीरे-धीरे उस पिंडी के प्रति लोगों की आस्था बढ़ती गई और मुहल्ले के लोगों ने बाढ़ के पानी से बचाव के लिए उस जगह पर मिट्टी भरकर लंबा-चौड़ा एक गर्भ बनवा दिए. उसी गर्भ में पांचो पिंडी रखकर खुले आसमान के नीचे जलाभिषेक एवं पूजन-अर्चन करने लगे.
न्याय पंचायत अखार के तत्कालीन सरपंच एवं नगवा निवासी स्वर्गीय केदारनाथ पाठक की अगुवाई में ग्रामीणों की बैठक हुई. पूर्व प्रधान चंद्रकुमार पाठक एवं उनके भाइयों ने मंदिर के लिए अपनी जमीन दान में दी.
तत्कालीन सरपंच स्वर्गीय केदारनाथ पाठक, देवानंद चौबे, यदुवंशियों एवं ग्रामीणों के सहयोग से बाबा गरीबानाथ मंदिर का भव्य निर्माण कर पांचों पुरानी पिन्डियों के साथ ही नए शिवलिंग की स्थापना की गई.
सामाजिक चिंतक बब्बन विद्यार्थी ने बताया कि मन्नतें पूरी होने पर प्रधानाध्यापक सर्वानंद चौबे ने 1998 में मंदिर का जीर्णोद्धार कराया. ऐसी मान्यता है कि जो श्रद्धालु यहां अपनी मन्नतें मांगते हैं वे अवश्य पूर्ण होती हैं. आज भी बाबा गरीबानाथ मंदिर लोगों के बीच आस्था का केंद्र बना हुआ है.