व्यक्ति के विकास में बाधक है अहंकार:चौबे

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  • श्रीमद् भागवत कथा का अगरौली दोपही में समापन

बलिया : जनपद के अगरौली दोपही गांव में 4 नवंबर से हो रहे श्रीमद् भागवत कथा का समापन हुआ. कथावाचक पंडित अवध बिहारी चौबे व्यास ने कहा कि व्यक्ति के विकास में सबसे बड़ी बाधा अहंकार है.

उन्होंने कहा कि छोटी-छोटी बातों को लेकर व्यक्ति अभिमान करने लगता है. इससे उसे उचित-अनुचित का ज्ञान नहीं रह जाता है. जब व्यक्ति समय रहते अपना अहंकार त्याग कर कर्म करता है तो उस पर साक्षात भगवत की कृपा बनी रहती है. उसका जीवन सार्थक और सफल होता है.

कथावाचक ने कहा कि मनुष्य को जीवन में सत्कर्म ही करना चाहिए जिससे उसके यश और कीर्ति में वृद्धि हो. दुनिया से जाने पर भी लोग उसके गुणों का बखान करें. उन्होंने कहा कि भागवत हमें संस्कारयुक्त जीवन जीने की प्रेरणा देती है. भागवत ही इस कलियुग में मुक्ति का साधन है. इसलिए हर व्यक्ति को भागवत कथा अवश्य सुनना चाहिए.

इस मौके पर धनंजय उपाध्याय, अवनीष उपाध्याय, अभिषेक चौबे, प्रधान मोहन दुबे, हरीश दुबे, अमित दुबे, उमाशंकर पाठक, चन्दन दुबे धनु, राकेश, दुर्गेश, राहुल, सन्जय आदि लोग मौजूद थे.