डेगू से बचाव के लिए जागरूकता है बेहद जरूरी: सीएमओ

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बलिया: डेंगू एडीज़ मच्छर के काटने से होता है. इसके काटने के पांच-छह दिन बाद डेंगू के लक्षण दिखने लगते हैं. इसका प्रमुख लक्षण ‘हड्डियों का दर्द’ है. डेंगू को ‘हड्डी तोड़ बुखार’ भी कहते हैं.

यह खासतौर पर बरसात में और बाद में होता है. पानी के बढ़ने के कारण इस दौरान ही मच्छर पनपते हैं. हालांकि इन दिनों डेंगू फैल रहा है लेकिन उससे डरने की जरूरत नहीं है. लोगों को सावधान रहने की जरूरत है. यह जानकारी मुख्य चिकित्साधिकारी डॉक्टर प्रीतम कुमार मिश्रा ने दी.

उन्होंने बताया कि इसके लक्षणों में त्वचा पर चकत्ते, तेज सिर दर्द, पीठ दर्द, आंखों में दर्द, तेज़ बुखार, मसूड़ों और नाक से खून बहना, जोड़ों में दर्द, उल्टी, दस्त आदि हैं.

डेंगू से बचाव

सीएमओ ने दिन में मच्छरों को दूर रखने वाली क्रीम लगाने की सलाह दी. पूरे शरीर को ढंकने वाले कपड़े पहनने कहा. घर के अंदर और आस-पास सफाई और कूलर, गमले और टायर में पानी न भरने दें. इन जगहों पर कैरोसीन तेल या मच्छर भगाने का पाउडर छिड़कें. पानी की टंकियों को सही तरीके से ढंक कर रखें. खिड़की और दरवाजों में जाली लगवाएं.

डॉ. मिश्रा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग की जनपद स्तरीय और ब्लाक स्तरीय रैपिड रिस्पांन्स टीम जागरूकता, स्वास्थ्य शिक्षा, सोर्स रिडक्शन, ज्वर के मरीजो के रक्त नमूनों की जांच, क्लोरिन की गोली का वितरण, ब्लीचिंग पाउडर, नालियों में लार्वी साइडल छिड़क रही है. कोई ज्वर पीड़ित संज्ञान में आता है तो तत्काल सीएमओ आफिस वेक्टर बार्न को सूचित करने के लिए कहा.

जिला महामारी रोग विशेषज्ञ डॉ जियाउल हुदा ने बताया कि डेंगू का पता लगाने के लिए एलाइजा जांच बेहद जरूरी है. यह जांच सदर अस्पताल बलिया के सेंटिनल लैब में मुफ्त उपलब्ध है. वर्ष 2019 में डेंगू से संभावित 225 रोगियों की नमूनों की जांच जिला सेंटिनल लैब में की गई जिसमें से 30 रोगी डेंगू के पाए गए. डेंगू से किसी भी मरीज की मृत्यु नहीं हुई है.