दुबेछपरा टेंगरही रिंग बंधा कटान की चपेट में

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आधी रात के बाद सैकड़ों मीटर बंधा आया जद में
मौके पर उपजिलाधिकारी व तहसीलदार मौजूद

बलिया। बैरिया तहसील क्षेत्र के गोपालपुर ग्राम पंचायत अंतर्गत दुबे छपरा टेंगरही बंधा पर उपाध्याय टोला के सामने आधी रात गए करीब 2 बजे से कटान होने लगी. कटान इतनी तेजी से हो रही थी कि वहा के लोग रात में अपना सामान समेटने लगे. उधर, बाढ़ विभाग के एई, जेई, लोगों का गुस्सा देख मौके से भाग खड़े हुए.

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सुबह 7 बजे के आसपास उपजिलाधिकारी, बैरिया दुष्यन्त कुमार, तहसीलदार बैरिया, एसएचओ बैरिया, अधिशासी अभियंता बाढ़ खण्ड वीरेंद्र सिंह के पहुँचने के बाद राहत बचाव कार्य शुरू हो सका.

दुबेछपरा, उदईछपरा व गोपालपुर को बचाने के लिए दो वर्ष पूर्व 29 करोड़ की लागत से बाढ़ विभाग ने यहां कटानरोधी कार्य करवाया था

बीती रात 2 बजे से उपाध्याय टोला के पास अचानक कटान होने लगी, जैसे लोग कटान इसकी भनक लगी, आनन फानन में अपने सामानों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने में जुट गए.

गंगा का जलस्तर जमीन के सतह से लगभग तीन फीट नीचे है, इसके कारण कोई हादसा नहीं हुआ अलबत्ता रिग बंधे को अपने आगोश में लेने के बाद गंगा तेजी से उदईछपरा गांव की बस्ती की तरफ बढ़ रही हैं. बीते चौबीस घंटों में गंगा नदी का जलस्‍तर काफी कम हुआ है. बुधवार की सुबह बलिया जिले में गंगा खतरा बिंदु से 11 सेमी तक नीचे आ गई हैं.

इस बीच कटान की जानकारी मिलते ही हजारों की संख्या में क्षेत्रीय लोग वहां पहुंच गए. मौजूद लोगों का कहना है कि पिछले कई वर्षों से करोड़ो रुपये राहत के कार्य में लगा दिए गए. उसके बाद भी बंधे को नहीं बचाया जा सका. इसके मतलब की जो काम हुआ है, उसमें जम कर मानक की अनदेखी की गई है. इसका परिणाम सब के सामने आ रहा है.

बता दें कि 22 अगस्त को रात में उदईछपरा के तरफ रिंग बंधे पर बोल्डर का पिचिंग नदी में बैठने लगा. यह देख लोगों में भगदड़ मच गई, कटान की सूचना मिलते ही बाढ़ विभाग समेत तमाम अधिकारी इकट्ठा हो गए और राहत बचाव कार्य होने लगा. अगले दिन वहाँ स्थिति सम्हाल ली गई. उसके बाद विभाग निश्चिंत हो गया. 31 अगस्त को एक बार फिर गंगा नदी का तेवर तल्ख हुआ तो ठोकर के सामने से केहरपुर तक कई बीघा जमीन कटान के जद में आ गई. इसके चलते केहरपुर के लोगों की चिंता बढ़ गई तो विभाग द्वारा जैसे तैसे यहाँ भी स्थिति पर काबू पाया गया. उसके बाद एक बार फिर विभाग निश्चिन्त हो गया.

2 सितम्बर को रात 10 बजे से गोपालपुर बस्ती के सामने नदी का दबाब बढ़ने लगा और देखते ही देखते रिंग बंधे पर 50 मीटर से अधिक की दूरी में अपरन सहित बोल्डर का पिचिंग नदी में विलीन हो गया और लोगों में एक बार फिर भगदड़ मच गई. बीती रात 2 बजे से उपाध्याय टोला के पास अचानक कटान होने लगी, जैसे लोग कटान इसकी भनक लगी, आनन फानन में अपने सामानों को सुरक्षित स्थान पर ले जाने में जुट गए. केहरपुर, गोपालपुर, दुबेछपरा, उदईछपरा के लोगों की रातों की नीद व दिन का चैन सब कुछ छीन गया है. यह के निवासी बरसात शुरु होने से खत्म होने तक घूंट घूंट कर जीते हैं, न चैन से खाते हैं, न चैन की नीद सो पाते हैं. हर वक्त यहा के लोगों के मन में कटान का डर बना रहता है.