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बैरिया विधानसभा क्षेत्र में बाढ़ व कटान से बचाव की वर्तमान में कोई सरकारी परियोजना नहीं
परियोजना स्वीकृत कराने के लिए होगा आन्दोलन
बैरिया(बलिया)। बाढ़ व कटान को लेकर अब गंगा तटवासियों को भगवान और मां गंगा के अलावा किसी पर भरोसा नहीं रहा. इस क्षेत्र के लिए कोई सरकारी योजना नहीं है. फ्लड फाइटिंग तो लूट का साधन है. इसकी असलियत बाढ क्षेत्र का जन जन जानता है. इसमे पानी पर कम, कागज पर अधिक खर्च होता है.
उक्त बातें इंटक जिलाध्यक्ष विनोद सिंह ने कहा. बताया कि 9 मई 2018 को मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में संचालित स्थाई संचालन समिति ने गंगापुर व केहरपुर की परियोजनाओं को खारिज कर दिया था. फिर कहा गया कि इसे अगले वर्षा काल के उपरांत (वर्ष 2018) पुनः स्थाई संचालन समिति में रखा जाए. लेकिन अब तक कुछ नहीं हो सका.
बताया कि गंगापुर में 12 करोड़ 34 लाख तथा केहरपुर में 24 करोड़ 94 लाख की परियोजना थी. यदि ये परियोजनाएं स्वीकृत हो गई रहती तो आज गंगापुर व केहरपुर में यह स्थिति नहीं होती. बताया कि मैं 2 नवंबर 2018 तथा 21 फरवरी 2019 को जिलाधिकारी को इस संबंध में पत्र दिया, लेकिन बाढ़ विभाग द्वारा बताया गया कि परियोजनाएं स्वीकृत नहीं हुई है. धन के अभाव में कार्य का होना मुश्किल है. फिर परियोजनाओं को स्वीकृत कराने के लिए बैरिया विधायक सुरेंद्र नाथ सिंह ने भी प्रयास किया, लेकिन अब तक सफलता नहीं मिली.
कांग्रेस नेता ने कहा कि अब जनसहयोग से आंदोलन के रास्ते को अख्तियार कर उक्त दोनों परियोजनाओं को स्वीकृत कराना पड़ेगा या उच्च न्यायालय में जनहित याचिका दायर करना पड़ेगा. ताकि वर्षा काल के उपरांत स्थाई स्परो का निर्माण हो सके.