स्वतंत्रता दिवस पर आह्वान, मानवीय गुणों को आत्मसात करे युवा पीढ़ी

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बलिया। 15 अगस्त का दिन भारतीय लोकतंत्र और हम भारतीय के लिए खास दिन है. यही वह दिन है जब भारत को ब्रिटिश शासन से आजादी मिली थी. उक्त उद्गार नागाजी सरस्वती विद्या मन्दिर वरिष्ठ माध्यमिक विद्यालय माल्देपुर बलिया में आयोजित स्वतंत्रता दिवस समारोह के मुख्य अतिथि के रूप में रामाषीश जी, सदस्य, क्षेत्रीय कार्यकारिणी, राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ द्वारा व्यक्त किए गए.
कार्यक्रम के शुभारम्भ विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविन्द सिंह चैहान ने मुख्य अतिथि के साथ मां सरस्वती, भारत माता तथा भगवान ओउम् की प्रतिमा के समक्ष दीप प्रज्वलित कर तथा पुष्पार्चन करके किया. इससे पूर्व प्रांगण में मुख्य अतिथि द्वारा ध्वजारोहण विद्यालय के पदाधिकारियों एवं अन्य गणमान्य लोगों की उपस्थिति में किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में बोलते हुए रामाषीश जी ने कहा कि समरसता, बन्धुत्व, धार्मिक सद्भावना एवं सहयोग आदि मानवीय गुणों को आत्मसात् करने की युवा पीढ़ी को आवश्यकता है. आज के समय में भारत दुनिया का सबसे लोकतंत्र है. यह आजादी हमें आसानी से नहीं मिली, इसके लिए हमें बडी कुर्बानी देनी पड़ी और लम्बा संघर्ष करना पड़ा. भगत सिंह, नेताजी सुभाष चन्द्र बोस, गोपाल कृष्ण गोखले, लाला लाजपत राय, बाल गंगाधर तिलक, चन्द्रषेखर आजाद जैसे हजारों स्वतन्त्रता सेनानियों ने बलिदान दिया हैं, तब जाकर हम आजादी में सांस लेने के काबिल हो पाए हैं. आजादी की लडाई में हर धर्म, जाति, रंग और नस्ल के लोगों ने बढ़ चढकर हिस्सा लिया.
कार्यक्रम की प्रास्ताविकी एवं अतिथि परिचय विद्यालय के प्रधानाचार्य अरविन्द सिंह चौहान द्वारा किया गया. उन्होंने इस मौके पर कहा कि आजादी के बाद हमारे देश ने विज्ञान और प्रौद्योगिकी, खेल, कृषि, विनिर्माण और शिक्षा के साथ-साथ कई बडे़ क्षेत्रों में विकास किया है. अब भारत सांस्कृतिक और समाजिक विविधता के लिए जाना जाता है. इसलिए हमें भारतीय होने पर गर्व होना चाहिए. उक्त कार्यक्रम की अध्यक्षता मा. भृगु जी जिला संघचालक द्वारा की गई एवं आभार ज्ञापन प्रेमनाथ सिंह, उपाध्यक्ष, प्रबन्ध कार्यकारिणी द्वारा किया गया. कार्यक्रम का संचालन मनोज अस्थाना एवं ओम प्रताप द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. उक्त अवसर पर विद्यालय के प्रबन्ध समिति के अध्यक्ष जगदीश सिंह, जयप्रकाश नारायण सिंह, संजय कश्यप, रवि वर्मा, अनूप, सत्यव्रत के साथ – साथ विद्यालय के समस्त आचार्य एवं कर्मचारी बन्धु उपस्थित रहे.