रिश्तेदारों की बात मान जाते तो बच सकती थी तीन जानें

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बैरिया (बलिया ) से वीरेंद्र नाथ मिश्र

शनिवार को देर रात बलिया शहर के कदम चौराहे के पास हुए हादसे पिता पुत्र समेत तीन लोगों की मौत की सूचना से दोनों घरों में मातम पसर गया. बताया जाता है कि इस हादसे में बैरिया के रकबा टोला के सतीश कुमार उर्फ बंटी गुप्ता (45), उनके पुत्र साहिल (13) और उसके सहपाठी बैरिया थाना क्षेत्र के मानिक छपरा मीरजापुर निवासी अमरनाथ वर्मा के पुत्र आयुष वर्मा (14) की मौत हुई है. ये दोनों बच्चे देहरादून स्थित सैनिक स्कूल के छात्र हैं, रक्षा बंधन पर साहिल और आयुष अपनी बहनों से राखी बंधवाने घर आ रहे थे. मगर दुर्भाग्यवश भाइयों की मौत से दोनों बहनों के सपने अधूरे रह गए.

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सतीश की बहन माया ने भी उन्हें रात को रुक जाने की सलाह दी, मगर वे नहीं माने. आखिरकर हुआ वही जो ऊपर वाले को मंजूर था. फोटो – बलिया लाइव
आयुष का दाह संस्कार बलिया गंगा घाट पर ही कर दिया गया, जबकि सतीश उर्फ बंटी व उनके पुत्र साहिल को घर लाने के बाद गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया. फोटो – बलिया लाइव

शनिवार को देर रात बच्चों को लेकर घर लौटने के लिए बाइक मांगने सतीश अपने बहनोई अंबुज के यहां तीखमपुर स्थित उनके घर गए थे. मगर अंबुज की रात को सफर न करने की जिद को दरकिनार कर सतीश बच्चों को लेकर बाइक से बैरिया के लिए रवाना हो गए. सतीश की बहन माया ने भी उन्हें रात को रुक जाने की सलाह दी, मगर वे नहीं माने. आखिरकर हुआ वही जो ऊपर वाले को मंजूर था.

बलिया शहर कोतवाली क्षेत्र के कदम चौराहे पर हुए हादसे की सूचना से परिजनों पर गमों का पहाड़ टूट पड़ा . फोटो – बलिया लाइव

रक्षाबंधन की छुट्टी पर अपनी बहन से राखी बंधवाने का उल्लास लिए साहिल और आयुष घर आ रहे थे. इधर दोनों बहनों ने भी अपने भाई की कलाई पर राखी बांधने की सपना संजो रखा था, लेकिन रक्षाबंधन से महज चार दिन पूर्व ही सड़क हादसे में दोनों भाइयों की मौत से बहनों के सपने बिखर गए. घटना के बाद भी परिजन इन बहनों को इतना बताकर जिला मुख्यालय चले गए कि सड़क दुर्घटना हुई है. अस्पताल में इलाज कराने जा रहे हैं.

मृत साहिल की बहन कोयल पड़ोसी के घर थी, पूछने पर बताई की मम्मी बलिया अस्पताल गई है, इलाज कराकर आएगी. रोते हुए कही कि भगवान मेरे भैया को जल्द स्वस्थ कर देंगे. हम अपने भाई के कलाई पर राखी बांधेंगे, यही बातें मृत आयुष की छोटी बहन रिया ने भी बताई. हालांकि शाम तक जब परिजन घर वापस लौटे तो दोनो बहने दहाड़े मार कर रोने लगीं. आयुष का दाह संस्कार बलिया गंगा घाट पर ही कर दिया गया, जबकि सतीश उर्फ बंटी व उनके पुत्र साहिल को घर लाने के बाद गंगा घाट पर अंतिम संस्कार किया गया.