पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का निधन, एम्स में ली आखिरी सांस

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नई दिल्ली। भाजपा की वरिष्ठ नेता और पूर्व विदेश मंत्री सुषमा स्वराज का मंगलवार रात को निधन हो गया. सीने में दर्द की शिकायत के बाद उन्हें दिल्ली के एम्स में भर्ती कराया गया था. वे पिछले काफी समय से अस्वस्थ चल रही थीं. वह 67 साल की थीं. सुषमा स्वराज दिसंबर 2016 से ही बीमार चल रही है. उन्हें लंबे समय से डाइबिटिज की भी शिकायत थी. बाद में उनकी किडनी फेल हो गई थी, जिसके बाद सुषमा स्वराज की किडनी की ट्रांसप्लांट सर्जरी हुई. बीमारी की वजह से ही उन्होंने 2019 लोकसभा चुनाव से खुद को अलग रखा था.

सुषमा के देहांत को PM मोदी ने बताया निजी क्षति, कहा- देश उन्हें हमेशा याद करेगा. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट किया, “सुषमा जी का निधन निजी क्षति है. उन्होंने देश के लिए जो किया, उनके लिए उन्हें हमेशा याद किया जाएगा. दुख की इस घड़ी में मेरी सांत्वना उनके परिवार और समर्थकों के साथ है. ओम शांति.”

राहुल गांधी ने ट्वीट किया- सुषमा स्वराज जी के अचानक निधन की खबर सुनकर स्तब्ध हूं. वे एक असाधारण राजनेता थीं. बेहतरीन सांसद और वक्ता थीं. मेरी भावनाएं उनके परिवार के साथ हैं. ईश्वर उनकी आत्मा को शांति दे.

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह एम्स पहुंचे

उनकी तबीयत खराब होने के फौरन बाद उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. डॉक्टरों की एक टीम उनकी स्थिति पर लगातार निगरानी बनाए हुए थी. वर्ष 2014 में सुषमा स्वराज को विदेश मंत्रालय का प्रभार मिला था. बीजेपी के शासन के दौरान सुषमा दिल्ली की मुख्यमंत्री भी रही थी. उन्हें दिल्ली की पहली महिला मुख्यमंत्री बनने का गौरव प्राप्त हुआ था.

केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी भी एम्स पहुंचे

सुषमा स्वराज का जन्म 14 फरवरी 1952 को हुआ था. उन्होंने अंबाला में एसडी कॉलेज अम्बाला छावनी से बीए किया और पंजाब यूनिवर्सिटी से चंडीगढ़ से लॉ की पढ़ाई की थी. सुषमा स्वराज ने 1974 के छात्र आंदोलन में भी बढ़-चढकर हिस्सा लिया था. उन्होंने आपातकाल के विरोध में सक्रिय प्रचार किया. जुलाई 1977 में उन्हें चौधरी देवीलाल की कैबिनेट में एक कैबिनेट मंत्री बनाया गया था. भाजपा लोकदल की हरियाणा में इस गठबंधन सरकार में वे शिक्षा मंत्री थीं. 27 वर्ष की उम्र में वे 1979 में जनता पार्टी (हरियाणा) की अध्यक्ष बन गई थीं.

अप्रैल 1990 में सांसद बनीं और 1990-96 के दौरान राज्यसभा में रहीं. 1996 में वे 11वीं लोकसभा के लिए चुनी गई और अटल बिहारी वाजपेयी की तेरह दिनी सरकार में सूचना प्रसारण मंत्री रहीं. 12वीं लोकसभा के लिए वे फिर दक्षिण दिल्ली से चुनी गईं और पुन: उन्हें सूचना प्रसारण मंत्रालय के अलावा दूरसंचार मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार भी दिया गया. सुषमा स्वराज के निधन की खबर सुनते ही डॉ. हर्षवर्धन, नितिन गडकरी, मनोज तिवारी एम्स पहुंच गए. निधन से करीब चार घंटे पहले ही सुषमा स्वराज ने ट्वीट कर संसद में जम्म कश्मीर पुनर्गठन विधेयक पारित होने को लेकर खुशी जताई थी और प्रधानमंत्री की तारीफ की थी.

Former External Affairs Minister & senior BJP leader, Sushma Swaraj, passes away. Delhi: Former External Affairs Minister Sushma Swaraj Was admitted to All India Institute of Medical Sciences (AIIMS) in a critical condition.