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वाराणसी। कांग्रेस पार्टी की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने यहां प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र के दो मंदिरों में दर्शन कर पूजा-अर्चना की. सोनभद्र में हुए जातीय नरसंहार के पीड़ितों के परिजनों से मिर्जापुर के चुनार गेस्ट हाउस में मुलाकात करने के बाद दिल्ली के लिए रवाना होने से पहले प्रियंका ने यहां मंदिरों में दर्शन किए.
मिर्जापुर से निकलने के बाद कांग्रेस नेता वाराणसी गईं और यहां काल भैरव मंदिर में उन्होंने पूजा-अर्चना की. उन्होंने काशी विश्वनाथ मंदिर में भी दर्शन कर पूजा-अर्चना की. इस दौरान उनके साथ पार्टी की वरिष्ठ नेता व पूर्व सांसद सुष्मिता देव, वाराणसी से पार्टी के लोकसभा उम्मीदवार रहे अजय राय और पार्टी नेता अजय कुमार लालू मौजूद रहे. मंदिर में प्रवेश करने से पहले कांग्रेस के कार्यकर्ताओं ने उनका स्वागत किया. लोकसभा चुनाव के दौरान अपने तीन दिवसीय कार्यक्रम के बीच उन्होंने 20 मार्च को काशी विश्वनाथ मंदिर में पूजा-अर्चना की थी. इसके अलावा पार्टी के उम्मीदवार रहे अजय राय के लिए लोकसभा चुनवा के दौरान शहर में रोड शो करने से पहले भी वह काशी विश्वनाथ मंदिर गई थीं.
इससे पहले घोरावल (सोनभद्र) के उम्भा गांव में हुए नरसंहार में मारे गए ग्रामीणों के परिजन शनिवार को चुनार गेस्ट हाउस में पिछले 24 घंटे से अघोषित रूप से नजरबंद प्रियंका गांधी से मिले. गेस्टहाउस में कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव और उत्तर प्रदेश की प्रभारी प्रियंका गांधी को देख पीड़ित परिवारों की महिलाएं फफक पड़ीं और प्रियंका से लिपट कर रोने लगीं. प्रियंका गांधी ने उन्हें गले लगाकर ढांढस बंधाते हुए न्याय का भरोसा दिलाया. चुनार गेस्ट हाउस में पीड़ित परिवारों के लगभग 15 लोगों को सोनभद्र जिला प्रशासन ने काफी उहापोह के बाद प्रियंका गांधी से मिलवाया. इसके पहले पीड़ित परिवारों को गेस्ट हाउस के मुख्य द्वार पर रोक दिया गया, जिससे प्रियंका नाराज हो गईं. प्रियंका के कड़े और तल्ख रुख को देखकर अफसर भी सकते में आ गए. प्रियंका खुद मुख्य द्वार पर जाने लगीं तो पुलिस ने उन्हें रोका, फिर पीड़ितों के परिजनों को अंदर बुलाया गया, जहां प्रियंका गांधी ने उनसे मुलाकात की.
इस दौरान प्रियंका ने आरोप लगाया कि प्रशासन न उन्हें परिवारों से मिलने दे रहा है और न ही पीड़ित परिवारों को यहां आने दे रहा है. उन्होंने कहा कि पीड़ितों के सिर्फ दो रिश्तेदारों को मुझसे मिलने दिया गया. उन्होंने सवाल उठाया कि भगवान जाने इनकी मानसिकता क्या है? आप थोड़ा दबाव बनाइए, उन्हें आने दीजिए. प्रियंका ने कहा कि प्रशासन की मानसिकता मेरे समझ से परे है. वे लोग इतने दर्द में मुझसे मिलने आए हैं, लेकिन प्रशासन न मुझे जाने दे रहा है और न उन्हें आने दे रहा है. जिनसे मिलने मैं आई थी, उन्हें मुझसे मिलने आना पड़ रहा है. पीड़ित परिवारों से बात करते हुए प्रियंका भावुक भी हो गईं. प्रियंका ने कहा कि वह धारा-144 का उल्लंघन नहीं करना चाहतीं, फिर भी सरकार उन्हें पीड़ितों से मिलने नहीं दे रही.
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उल्लेखनीय है कि बीते शुक्रवार दोपहर प्रियंका गांधी को सोनभद्र जाने के दौरान नारायणपुर पुलिस चौकी के पास पुलिस ने रोक लिया और उन्हें हिरासत में लिया. फिर उन्हें चुनार गेस्ट हाउस लाया गया, जहां पिछले 24 घण्टे से वे अघोषित रूप से नजरबंद हैं. प्रियंका गेस्ट हाउस में धरने पर बैठी रही. प्रियंका पीड़ितों के परिजनों से मुलाकात किए बिना वापस जाने को तैयार नहीं थीं.
देर रात अधिकारियों के साथ बैठक में उन्होंने अपना रुख कुछ लचीला भी किया था और पीड़ितों के परिजनों से कहीं भी मुलाकात को तैयार हो गई थीं, लेकिन प्रशासन ने कोई आश्वासन नहीं दिया. इसके बाद प्रियंका को मनाने के लिए शुक्रवार रात करीब 11 बजे वाराणसी से एडीजी ब्रजभूषण और कमिश्नर दीपक अग्रवाल भी पहुंचे, लेकिन दो दौर की बातचीत के बाद भी कोई नतीजा नहीं निकला.
प्रियंका ने कहा कि 24 घंटे हो चुके हैं. मैं सोनभद्र के गोलीबारी मामले के पीड़ितों से मिलने तक और जब तक मुझे मिलने की अनुमति नहीं मिलती, तब तक मैं नहीं जाउंगी. सोनभद्र में प्रियंका की जिद के आगे आखिरकार योगी सरकार झुकी और पीड़ित परिवारों से प्रियंका गाँधी की मुलाकात हुई. 26 घंटे के धरने के बाद कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी को सोनभद्र में मारे गए आदिवासियों के घर वालों से मुलाकात हुई.
वाराणसी एयरपोर्ट पर धरने पर बैठे तृणमूल प्रतिनिधिमंडल ने कहा कि उन्हें घोरावल में पीड़ितों से मिलने जाने नहीं दिया जा रहा
बलिया में भी दिनभर चली कांग्रेस कार्यकर्ताओं और पुलिस की लुकाछिपी
शनिवार को पूरे दिन बलिया जिले में कांग्रेस कार्यकर्ताओं व पुलिस प्रशासन के बीच लुकाछिपी का खेल चलता रहा. इस दौरान पुलिस ने जनपद के कई स्थानों से कांग्रेस कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर लिया और घंटों बाद निजी मुचलके पर छोड़ दिया. सोनभद्र जनपद के घोरावल में हुए सामूहिक नरसंहार के पीड़ितों से मुलाकात करने जा रहीं कांग्रेस की राष्ट्रीय महासचिव प्रियंका वाड्रा को रोके जाने व हिरासत में लिए जाने से बिफरे कांग्रेसी शनिवार को जिलाध्यक्ष सच्चिदानंद तिवारी के नेतृत्व में जैसे ही रोडवेज बस स्टैंड पर सोनभद्र जाने के लिए पहुंचे ही थे कि शहर कोतवाल विपिन सिंह के नेतृत्व में पहुंची पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. इसके बाद पुलिस कोतवाली लेकर चली गई. तकरीबन तीन घंटे बाद सभी को रिहा भी कर दिया गया. इस मौके पर हरिशंकर सिंह, ओमप्रकाश तिवारी, मुन्ना उपाध्याय, विजयानंद पांडेय, पवन कुमार चौबे, सरिता श्रीवास्तव, शिव प्रताप ओझा, ऊषा सिंह, भोला दुबे, अभिषेक पाठक, प्रशांत पांडेय, अन्नू पांडेय, विवेक ओझा आदि मौजूद थे. इधर कांग्रेस के नगर अध्यक्ष सागर सिंह राहुल को पुलिस ने गुरुद्वारा रोड उनके आवास से निकलते समय गिरफ्तार कर आक्डेनगंज पुलिस चौकी में घंटों नजर बंद रखने के बाद शाम को छोड़ दिया.
Priyanka Gandhi Vadra met the family members of the victims of Sonbhadra firing incident that claimed lives of 10 people, in Chunar. Priyanka Gandhi Vadra visited Kashi Vishwanath temple & Kaal Bhairav temple, in Varanasi to offer prayers, later today.