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नई दिल्ली। भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के लिए अपने अध्यक्ष को बदला है, पार्टी ने स्वतंत्र देव सिंह को उत्तर प्रदेश की कमान सौंपी है, स्वतंत्र देव सिंह को तुरंत प्रभाव से पार्टी की राज्य इकाई का अध्यक्ष नियुक्त कर दिया गया है. मंगलवार को भारतीय जनता पार्टी की तरफ से यह घोषणा की गई है. स्वतंत्र देव सिंह से पहले महेंद्र नाथ पांडे उत्तर प्रदेश में भाजपा के अध्यक्ष थे. महेंद्र नाथ पांडे अब केंद्र में मंत्री बन चुके हैं और भाजपा की एक व्यक्ति एक पद की नीति के तहत उनकी जगह स्वतंत्र देव सिंह को पार्टी का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है. हालांकि स्वतंत्र देव सिंह भी उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री हैं.
भारतीय जनता पार्टी ने उत्तर प्रदेश के अलावा महाराष्ट्र और मुंबई के लिए भी अपने अध्यक्ष बदले हैं, महाराष्ट्र में रावसाहेब पाटिल की जगह अब चंद्रकांत पाटिल को पार्टी अध्यक्ष बनाया गया है, रावसाहेब पाटिल अब कंद्रे सरकार में मंत्री बन चुके हैं ऐसे में पार्टी ने महाराष्ट्र में अध्यक्ष बदला है. भारतीय जनता पार्टी ने मुंबई की कमान मंगल लोढ़ा को सौंपी गई है. महाराष्ट्र में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं, ऐसे में पार्टी ने बड़े स्तर पर संगठन में बदलाव किया है. उत्तर प्रदेश के सीएम पद की दौड़ में शामिल रहे स्वतंत्र देव सिंह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के करीबी माने जाते हैं. हालांकि बाद में उन्होंने राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) की शपथ ली.
बीजेपी नेता स्वतंत्र देव सिंह कभी पत्रकारिता भी किया करते थे. छात्र राजनीति के बीच वह 1989-90 में स्वतंत्र भारत नामक अख़बार से जुड़े. बुंदेलखंड के छोटे से जिले उरई में वह इस अखबार के संवाददाता के तौर पर काम करते थे, लेकिन पत्रकार के तौर पर वह सफल नहीं हुए. कॉलेज में छात्र संघ चुनाव हारे. 2012 में एमएलए इलेक्शन भी बुरी तरह से हारे. एक बार एमएलसी ज़रूर बने. उनके नाम की खूब चर्चा हुई, लेकिन बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ को उत्तर प्रदेश का सीएम बना दिया.
स्वतंत्र देव सिंह का राजनैतिक इतिहास बेहद उतार चढ़ाव भरा रहा है. स्वतंत्र देव सिंह बेहद गरीबी में पले-बढ़े. छात्र जीवन में ही राजनीति से जुड़े, लेकिन कभी भी करिश्माई सफलता नहीं मिली. इसके बाद भी वह एबीवीपी से जुड़े रहे. स्वतंत्र देव सिंह बुंदेलखंड के उरई से आते हैं, लेकिन वह मूल रूप से मिर्जापुर के रहने वाले हैं. वह 1984 में अपने भाई श्रीपत सिंह के साथ उरई आये थे. श्रीपत सिंह पुलिस विभाग में तबादले के कारण यहां आए. स्वतंत्र देव सिंह भी अपने भाई के साथ यहां आ गए. यहां से इनका राजनैतिक जीवन शुरू हुआ. 1985 में ग्रेजुएशन में दाखिले के बाद 1986 में स्वतंत्र देव सिंह ने उरई के डीएवी डिग्री कॉलेज में छात्र संघ इलेक्शन लड़ा, लेकिन हार गए. कॉलेज से निकलने के बाद स्वतंत्र देव सिंह उरई में ही रहते हुए 1989 में ‘स्वतंत्र भारत’ नामक अखबार में बतौर जिला संवाददाता काम करना शुरू कर दिया. उन्होंने इसमें करीब तीन साल तक काम किया. कभी स्वतंत्र देव सिंह के साथ रहे उरई के सीनियर जर्नलिस्ट बताते हैं कि स्वतंत्र देव सिंह ने तब के उभरते हिंदूवादी नेता विनय कटियार का इंटरव्यू अखबार में पब्लिश करा दिया. इससे वह विनय कटियार के करीबी हो गये. 1992 में उन्होंने पूरी तरह से पत्रकारिता छोड़ दी. वह संगठन में कार्यकर्ता के रूप में उरई से झांसी आ गए.
अब तक स्वतंत्र देव सिंह का नाम कांग्रेस सिंह था. संघ को बहुत कन्फ्यूज़न होता था. संघ में उनका नाम स्वतंत्र देव सिंह रख दिया गया. यह नाम स्वतंत्र भारत अखबार से प्रेरित था, जिसमें कांग्रेस सिंह काम किया करते थे. इस तरह उन्हें स्वतंत्र देव सिंह के नाम से जाना जाने लगा. झांसी में एबीवीपी में शामिल हुए. उनकी मेहनत और लगन को देखते हुए उन्हें कानपुर भेज दिया गया. कानपुर में वह हनुमान मिश्रा के नेतृत्व में भारतीय जनता युवा मोर्चा के साथ खड़े हो गए.
2000 में उन्हें युवा मोर्चा का प्रदेश अध्यक्ष बना दिया गया. इसी दौरान उनके नेतृत्व में आगरा में हुए पार्टी के राष्ट्रीय सम्मलेन उनका राष्ट्रीय स्तर के नेताओं से अच्छा परिचय हुआ. इसका इनाम ये मिला कि उन्हें युवा मोर्चा से मुख्यधारा में लाते हुए पार्टी ने यूपी का महामंत्री बना दिया गया. उन्हें उरई में सहकारी समिति का अध्यक्ष भी बनाया गया. 2012 में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने स्वतंत्र देव सिंह को उरई की कालपी सीट से चुनाव लड़े. यहां उन्हें बुरी तरह हार मिली. कांग्रेस की प्रत्याशी उमा कांति के सामने उनकी जमानत तक जब्त हो गयी. इसके बाद भी उन्हें बीजेपी ने एमएलसी बनाया. 2014 में हुए आम चुनाव उनके लिए महत्त्वपूर्ण रहे. बीजेपी ने उत्तर प्रदेश में होने वाली रैलियों के आयोजन की कमान दे दी. यहीं से वह पीएम मोदी व अमित शाह के और करीब आ गए. बुंदेलखंड में मजबूत पकड़ के चलते 19 में से अधिकतर सीटों पर टिकट उनकी सलाह पर ही दिए गए. बीजेपी ने यहां से सभी 19 सीटें जीती तो उनका कद और बढ़ गया. पिछड़ा वर्ग से आने के कारण स्वतंत्र देव सिंह को उत्तर प्रदेश का सीएम के पद का दावेदार माना गया. लेकिन बीजेपी ने योगी आदित्यनाथ को सीएम बना दिया.
Swatantra Dev Singh appointed as President of Uttar Pradesh Bharatiya Janata Party.