नरेंद्र मोदी से मुलाकात के बाद भाजपा में शामिल हुए नीरज शेखर

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नई दिल्ली। नीरज शेखर मंगलवार को भाजपा नेताओं के साथ संसद भवन पहुंचे. बताया जा रहा है कि आज उनकी पीएम नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात हुई. इसके बाद नीरज शेखर आधिकारिक तौर पर भारतीय जनता पार्टी महासचिव भूपेंद्र यादव की उपस्थिति में बीजेपी में शामिल हो गए.

पिछले कुछ दिनों से ऐसा लग रहा था कि जहां मैं काम कर रहा हूं वहां आगे काम करवाना मुश्किल है. मुझे ऐसा लगा कि देश प्रधानमंत्री मोदी के हाथों में सुरक्षित है. प्रधानमंत्री से आज ही मुलाकात हुई है. राष्ट्र के निर्माण में मेरा भी सहयोग होगा – नीरज शेखर ( बीजेपी में शामिल होने के बाद )

राज्यसभा के सभापति एम वेंकैया नायडू ने मंगलवार को सदन को सूचित किया कि उन्होंने समाजवादी पार्टी के नेता नीरज शेखर का उच्च सदन की सदस्यता से इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. सदन की बैठक शुरू होने पर नायडू ने नीरज शेखर के इस्तीफे का जिक्र करते हुए कहा कि मैंने जांच की और शेखर से बात भी की. कहा कि पूरी तरह संतुष्ट होने के बाद मैंने 15 जुलाई से उनका इस्तीफा स्वीकार कर लिया है. नायडू ने कहा कि राज्यसभा के नियम 213 (सदन संचालन से संबंधित नियम एवं प्रक्रिया) के तहत उन्होंने नीरज शेखर का इस्तीफा स्वीकार किया है.


सूत्रों को अनुसार पिछले दिनों से नीरज ने पार्टी के अध्यक्ष अमित शाह मुलाकात की थी, जिसके बाद नीरज ने ये फैसला लिया. उनका कार्यकाल अगले साल 25 नवंबर को पूरा होने वाला था. बता दें कि बीजेपी अब इस सीट पर उपचुनाव कराएगी और नीरज इसके उम्मीदवार चुने जाएंगे.

गौरतलब है कि पूर्व प्रधानमंत्री एवं समाजवादी नेता चंद्रशेखर के पुत्र नीरज शेखर ने सोमवार को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया था. पचास वर्षीय नीरज शेखर दो बार लोकसभा के सदस्य रह चुके हैं. 2007 में अपने पिता के निधन के बाद बलिया लोकसभा सीट से वह पहली बार सांसद निर्वाचित हुए थे. 2009 में उन्होंने इसी सीट से दोबारा लोकसभा के लिए जीत हासिल की. इसके बाद 2014 में हुए लोकसभा चुनाव में हार जाने के बाद समाजवादी पार्टी ने उन्हें राज्यसभा के लिए नमित किया. उच्च सदन में नीरज शेखर का कार्यकाल नवंबर 2020 में समाप्त होने वाला था. बताया जा रहा है कि पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर पर लिखी राज्य सभा के उपसभापति हरिवंश की पुस्तक “चंद्रशेखर- द लास्ट आइकन ऑफ आइडियोलॉजिकल पॉलिटिक्स” का प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विमोचन करेंगे.

आज गुरु पूर्णिमा है. मैं उन्हें आर्शीवाद देता हूं. खुश रहें. राजनीतिक पार्टी एक ट्रेन की तरह होती है, लोग चढ़ते हैं उतर जाते हैं, लेकिन ट्रेन चलती रहती है – राम गोपाल यादव (वरिष्ठ सपा नेता)

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ऐसी भी खबरें आ रही थीं कि नीरज शेखर की राम गोविंद चौधरी, अंबिका चौधरी और नारद राय आदि से नहीं बन रही थी. पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर की भी मुलायम सिंह यादव से नहीं बनी थी. मुलायम सिंह यादव समाजवादी पार्टी में किनारे कर दिए गए और अखिलेश के हाथों में सपा की कमान आई तो माना जा रहा था कि यंग अखिलेश से उनकी अच्छी बनेगी, लेकिन खबरों के अनुसार अखिलेश से भी उनकी अच्छी नहीं बनी. इसी क्रम में नीरज शेखर को भी यह लगा कि सपा में राजनीति का बहुत ज्यादा कोई स्कोप नहीं शेष रह गया है, जिसके बाद उन्होंने यह कदम उठाया. साल 2017 के विधानसभा चुनाव पर भी गौर करें तो बलिया लोकसभा के अंतर्गत आने वाली पांच विधानसभा सीटों में से 4 पर भाजपा और 1 पर सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी ने कब्जा किया था.

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वैसे पूर्व प्रधानमंत्री चंद्रशेखर के भी भाजपा से संबंध हमेशा से अच्छे रहे और राजनीतिक जानकारों के अनुसार भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी उम्मीदवार चयन के लिए पार्टी की बैठक में चंद्रशेखर की सीट बलिया का नाम आते ही ‘आगे बढ़ो-आगे बढ़ो’ कहने लगते थे. लोग समझ जाते कि बलिया सीट पर चंद्रशेखर के खिलाफ बहुत ज्यादा दिमाग लगाने की जरूरत नहीं. भाजपा नेताओं के साथ चंद्रशेखर के रिश्ते हमेशा बेहतर रहे, लेकिन उन्होंने कभी भी भाजपा की विचारधारा का समर्थन नहीं किया. पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को ताउम्र ‘गुरुजी’ शब्द से ही संबोधित किया, लेकिन सदन में हमेशा मुखर विरोध भी किया.

Amid strong speculations of former Samajwadi Party leader Neeraj Shekhar joining the BJP, he was spotted with Union Minister Anurag Thakur in the Parliament premises on Tuesday.