जलजमाव से बलिया नगरपालिका की खुली कलई, पूर्वांचल के कई जिलों भारी बारिश

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वाराणसी/बलिया। बुधवार को बलिया में 140.2 एमएम, बांदा में 143, जौनपुर में 220, लखनऊ में 186, रायबरेली में 175 और गोण्डा में 183 एमएम वर्षा रिकार्ड की गयी. मौसम विभाग ने प्रदेश में अगले 24 घंटे के दौरान भारी बारिश का अनुमान लगाया है. उत्तर प्रदेश में बीते 24 घंटों के दौरान हुई वर्षा से प्रमुख नदियों का जलस्तर बढ़ना शुरू हो गया है.

जलजमाव से प्रयागराज में हालात अनियंत्रित

केन्द्रीय जल आयोग की गुरुवार को जारी रिपोर्ट के मुताबिक कानपुर, डलमऊ (रायबरेली), फाफामऊ, प्रयागराज, मिर्जापुर, वाराणसी, गाजीपुर और बलिया में गंगा का जलस्तर जबकि कालागढ (बिजनौर), मुरादाबाद और बरेली में रामगंगा का जलस्तर बढ़ रहा है. बागपत, औरैया, कालपी (जालौन), बांदा और प्रयागराज में यमुना जबकि सीतापुर, सुल्तानपुर और जौनपुर में गोमती का जलस्तर बढ रहा है. पलियाकलां (लखीमपुर) में शारदा नदी खतरे के निशान पर बह रही है, जबकि एल्गिन ब्रिज (बाराबंकी), अयोध्या और बलिया में घाघरा खतरे के निशान पर पहुंच चुकी है. बलरामपुर में राप्ती नदी खतरे के निशान पर पहुंच गयी है, जबकि सिद्धार्थनगर और गोरखपुर में इसका जलस्तर बढ रहा है. बलिया में थानों व पुलिस चौकियों के अलावा कई मुहल्लों में लोगों के बेडरूम व रसोईघर तक में पानी भर गया. डीएम व एसपी कार्यालय लबालब हो गए. करीब-करीब सभी सड़कों पर जलजमाव का ऐसा नजारा था कि पूरा शहर पानी पर तैरता नजर आया. वहीं इस जलजमाव ने नगरपालिका के दावे की पोल भी खोल दी है.
बलिया शहर के आवास विकास कॉलोनी, काजीपुरा, बालेश्वर मंदिर सहित कई इलाकों में पानी भर चुका है, पुलिस अधीक्षक कार्यालय कलेक्ट्रेट परिसर सहित एडीएम ऑफिस के सामने जलजमाव ने शहर के ड्रेनेज सिस्टम की पोल खोल कर रख दी है, ग्रामीण क्षेत्रों से लेकर शहर की तमाम सड़कों पर पेड़ गिरने और बिजली के पोल उखड़ जाने से विद्युत आपूर्ति भी ठप हो चुकी है. आलम यह है कि लोगों के घरों में पानी घुस चुका है और सड़कों पर खुले गड्ढों के बीच लोग चलने को मज़बूर हैं.
जापलिनगंज पुलिस चौकी और उसमें बना श्री कृष्ण मंदिर भी पूरी तरीके से जलमग्न है. प्रत्येक महीने लाखो रुपये खर्च कर शहर के नालों की सफाई का दावा करने वाली बलिया नगर पालिका के दावों पर भी सवाल उठना शुरू हो गया है, वहीं अधिकारी इस मामले पर कुछ भी बोलने से बचते नजर आ रहे हैं.
इसके अलावा वाराणसी, मऊ, गाजीपुर, भदोही, मिर्जापुर में भी दो दिन से रुक रुककर हो रही बारिश से भारी नुकसान हुआ है. आजमगढ़ तेज बारिश के चलते कच्ची दीवार गिरने से एक व्यक्ति की मौत हो गई, जबकि अलग अलग घटनाओं में दो लोग हो गए. इसी तरह के एक हादसे में चंदौली में विवाहित युवती ने दम तोड़ दिया, जबकि उसकी मासूम बच्ची घायल हो गई. जौनपुर में भी दीवार के मलबे में दब कर एक अधेड़ महिला के निधन की सूचना है. वाराणसी में जुलाई में अब तक हुई झमाझम बारिश ने पिछले साल का रिकार्ड तोड़ दिया है. गतवर्ष जुलाई में कुल 236.4 मिमी बारिश हुई थी. इस बार 11 जुलाई तक 269.4 मिमी बारिश हो चुकी है. अभी जुलाई का 19 दिन बाकी है. बुधवार की रात भारी बारिश हुई. गुरुवार को सुबह 8.3 0 बजे 89.4 मिमी बारिश रिकार्ड की गई.