करूणा सेवा को लेकर विश्व में भारत की पहचान

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सम्राट अशोक की जयंती पर वक्ताओं के उद्गार

बलिया। अखण्ड भारत के संस्थापक एशिया महाद्वीप के सबसे बडे़ भू-भाग पर मानवता की स्थापना करने वाले सम्राट अशोक के कालखण्ड में ही भारत को सोने की चिड़िया कहा जाता है. उक्त बातें पूर्व विधायक गोरख पासवान ने सम्राट अशोक की 2323वीं जयंती पर सम्यक सेवा संघ द्वारा आयोजित समारोह में व्यक्त किया.
शिव कुमार सिंह कौशिकेय ने कहा कि सम्पूर्ण दुनिया में वसुधैव कुटुम्बकम् और मानव मात्र से प्रेम, करूणा, सेवा के जिस मान बिंदुओं पर भारत का सम्मान है, वह सम्राट अशोक महान के कारण है. भारत का राष्ट्रीय चिन्ह अशोक स्तम्भ से लेकर संविधान तक जो मूलतत्व है वह भी सम्राट अशोक की शासन व्यवस्था से लिया गया है.
बलिया जिले के लिए सम्राट अशोक महान की जयंती मनाना इसलिए भी अधिक महत्व है कि यह भू-भाग मौर्य साम्राज्य के इस महानायक की ननिहाल और ससुराल दोनों रही है. मौर्य शासन काल में बलिया जिले का यह भू-भाग साकेत राज्य के काशी राज्य का भू-भाग था. जब सम्राट अशोक के पिता बिंबसार ने जब साकेत पर आक्रमण किया तब कोशल नरेश ने अपनी बहन महाकोशल का विवाह बिंबसार से करके संधि कर लिया. जो सम्राट अशोक की सौतेली माता हुई. अपने शासनकाल में सम्राट अशोक ने जब कोशल राज्य पर आक्रमण किया तब कोशल नरेश ने अपनी पुत्री वाजिरा का विवाह करके संधि किया था.
अशोकाष्टमी अशोक जयंती समारोह को राजन कन्नौजिया, महेन्द्र गौतम, मु. मतिउर्रहमान खां, रामपाल खरवार, सीता राम कुशवाहा, राजेन्द्र प्रसाद वर्मा, प्रमोद यादव आदि वक्ताओं ने सम्बोधित किया. समारोह में परशुराम प्रसाद वर्मा, रमाशंकर वर्मा, सूबेदार मौर्य, राजनाथ मौर्य, अशोक कुमार वर्मा, विरेन्द्र मौर्य, जवाहर वर्मा, गोपाल वर्मा, गणेश वर्मा, हरिओम कुशवाहा, शब्द प्रकाश आदि की उपस्थिति उल्लेखनीय रही. अध्यक्षता साहित्यकार लाल साहब सत्यार्थी व संचालन रामजी वर्मा ने किया. अंत में अशोक प्रकाश मौर्य ने सम्यक सेवा संघ की ओर से आभार व्यक्त किया.