सत्याग्रही शिक्षा मित्रों की अगस्त क्रांति “आदेश लाओ, सम्मान बचाओ”

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

बलिया। सत्याग्रह आंदोलन के दूसरे दिन शिक्षामित्रों ने न सिर्फ बीएसए कार्यालय पर धरना दिया, बल्कि ऐतिहासिक जुलूस निकालकर शासन-प्रशासन को अपनी शक्ति का प्रदर्शन भी किया. भारी संख्या में कलेक्ट्रेट पहुंचे शिक्षामित्रों ने मानव श्रृंखला बनाकर जिलाधिकारी कार्यालय को घेर लिया. इस दौरान शिक्षामित्रों ने जिलाधिकारी सुरेन्द्र विक्रम को अपनी मांगों से सम्बंधित मुख्यमंत्री को सम्बोधित मांग पत्र सौंपा. इसमें शिक्षामित्रों के भविष्य को देखते हुए विशेष अध्यादेश लाने तथा पूरी प्रक्रिया पूरी होने तक शिक्षामित्रों का वेतन मानदेय के रूप में देने की मांग की गयी है.

शिक्षामित्रों के आंदोलन के चलते जनपद के सैकड़ों विद्यालयों में ताला लटक चुके हैं. शिक्षामित्रों के प्रति सरकार का रूख कब स्पष्ट होगा, इस पर तो कुछ नहीं कहा जा सकता, लेकिन शिक्षामित्रों के आंदोलन से बुनियादी शिक्षा पूरी तरह बेपटरी होती दिख रही है. 

सरकार की वादाखिलाफी के खिलाफ शिक्षामित्रों के धरना प्रदर्शन सभा को संबोधित करते हुए राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद के जिला महामंत्री वेद प्रकाश पाण्डेय ने कहा कि भाजपा सरकार दोहरे मापदंड पर काम कर रही है. सरकार ने जहां 1,75,000 कर्मचारियों को पैदल करने का काम किया, वही प्रत्येक मंगलवार को समाधान दिवस लगाकर प्रदेश की समस्याओं का झूठा समाधान कर रही है. प्राशिसं के जिलाध्यक्ष जितेंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों की रोजी-रोटी छीनने वाली सरकार को हम कुर्सी पर बैठने नहीं देंगे. यह लड़ाई आपकी नहीं है, पूरे शिक्षक समुदाय की है. कहा कि 17 वर्ष सेवा करने के बाद जिन लोगों की रोटी रोजी छीनी जाती है, उनकी स्थिति क्या होगी, इससे मैं भलीभांति वाकिफ हूं. जरूरत पड़ी तो प्रदेश नेतृत्व के आह्वान पर जिले के विद्यालयों में ताले लगा दिए जाएंगे.

सीनियर बेसिक शिक्षक संघ के जिला अध्यक्ष रविंद्र सिंह ने कहा कि शिक्षामित्रों का क्या दोष है. 17 वर्ष सरकार का काम करने के बाद शिक्षामित्रों को पैदल करने का पाप सरकार को ले डूबेगा. राजेश साहनी, काशीनाथ यादव, सरल यादव, जितेन्द्र राय, विद्यासागर दुबे, मनीष सिंह, चन्द्रशेखर प्रसाद, पंकज सिंह, सूर्यप्रकाश यादव, संगम अली, परशुराम यादव, बसुंधरा राय, नीतू उपाध्याय, ज्ञान प्रकाश मिश्रा, शैलेंद्र सिंह, रिन्कू तिवारी, सुमेर यादव, अंकित मिश्रा, राजेश सिंह, दिनेश सिंह, अजय श्रीवास्तव, चन्द्रभान सिंह, वसीम अहमद, परवेज अहमद, अजय पान्डेय नमृता तिवारी रविंद्र तिवारी, शशि कला मिश्रा, राजू प्रसाद, सत्येन्द्र वर्मा, भरत यादव, रमेश पांडेय, संजय पाल, नेहा गुप्त, रीना गुप्ता, शोभा सिंह, कमला यादव, विजय सक्सेना, अखिलेश पांडेय, फैसल अजीज, राजेश चैहान, राजदेव यादव, मंजूर, पप्पू सिंह, दिलीप सिंह, शिशिर गुप्त, रविशंकर यादव ने विचार रखा. अध्यक्षता रणजीत सिंह व संचालन श्याम नन्दन मिश्रा ने किया.