सिद्धाश्रम बक्सर जाते वक्त राम ने किया कष्टहरणी का दर्शन

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

गाजीपुर से विकास राय

vikash_raiकरीमुद्दीनपुर में स्थित मां कष्टहरणी के इस स्थान के त्रेतायुग एवं द्वापर युग में विराजमान होने का प्रमाण मिलता है. आपकी चमत्कारिक शक्तियों से जो भी मां की शरण में आकर पवित्र मन से प्रार्थना किया मां ने उसका सदैव कल्याण व मंगल किया. मां के दरबार में सच्चे एवं पवित्र मन से की गयी आराधना कभी खाली नहीं जाती.

इसे भी पढ़ें – रसड़ा में मकई से बनी है मां दुर्गा की मूरत

इतिहास के आइने से कहा जाता है कि त्रेतायुग में भगवान राम, लक्ष्मण महर्षि विश्वामित्र के साथ अयोध्या से सिद्धाश्रम बक्सर जाते समय यहां पर रूक कर मां कष्टहरणी का दर्शन पूजन किए थे. उसके पश्चात कामेश्वर नाथ धाम कारो जो बलिया एवं गाजीपुर के सीमा पर स्थित है, वहां पहुंचने का प्रमाण है.

इसे भी पढ़ें- सोनाडीह की भगवती ने किया था महाहनु का वध

आपने कामेश्वर नाथ धाम मे दर्शन पूजन कर रात्रि विश्राम किया तथा सुबह सभी गंगा पार कर बक्सर बिहार स्थित सिद्धाश्रम पहुंचे थे, यह कामेश्वर नाथ धाम वही स्थान है, जहां समाधिस्थ शिव को जगाने में कामदेव भस्म हो गया था. त्रेता युग में अयोध्या नरेश महाराज दशरथ अयोध्या से शिकार खेलते खेलते गाजीपुर जनपद के महाहर धाम तक आ गये थे. वहीं पर राजा दशरथ के शब्दभेदी बाण से श्रवण कुमार की मौत हो गयी थी. आज भी उस स्थान पर श्रवण डीह नामक स्थान विराजमान है.

करीमुद्दीनपुर की मां कष्टहरणी
करीमुद्दीनपुर की मां कष्टहरणी

इसे भी पढ़ें – दैहिक-दैविक-भौतिक सब ताप हरती हैं मां कष्टहरणी