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बलिया लाइव न्यूज नेटवर्क
बलिया। केन्द्रीय जल आयोग की रिपोर्ट के अनुसार घाघरा नदी उतार पर है. लेकिन वह अभी भी एल्गिनब्रिज (बाराबंकी) में खतरे के निशान के उपर बह रही है, जबकि तुर्तीपार (बलिया) और अयोध्या में इसका जलस्तर खतरे के निशान के नजदीक बना हुआ है. गंगा प्रतिघंटा तीन सेमी की रफ्तार से बढ़ाव पर है. वहीं दूसरी तरफ गंगापुर अवशेष, लाला बगीचा, श्रीनगर में कृषि योग्य भूमि को गंगा आगोश में लेने लगी है. उत्तर प्रदेश में दक्षिण-पश्चिमी मानसून सक्रिय है, लखनऊ के इर्द गिर्द छोड़ दें तो शेष प्रदेश में ठीकठाक बारिश की सूचना है.
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आकाशीय बिजली ने ली तीन की जान
उधर, बारिश के दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आऩे से सोमवार को बलिया में तीन लोगों की मौत की सूचना है. बांसडीह कोतवाली क्षेत्र के गांव केवटलिया निवासी दूधनाथ (60) अपने खेत की निराई के दौरान आकाशीय बिजली की चपेट में आकर जान गंवा बैठे. उधर, पर्वतपुर गांव की गायत्री (55) पत्नी गरीबा तथा मनियर थाना क्षेत्र के मानिकपुर गांव निवासी रामजन्म कन्नौजिया (45) गदहा चराते वक्त वज्रपात की चपेट में आऩे की वजह से जान गंवा बैठा.
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बनारस के इर्द गिर्द झमाझम, लखनऊ के आसपास सूखा
आंचलिक मौसम विज्ञान केन्द्र की रिपोर्ट के अनुसार पिछले 24 घंटे के दौरान बांदा जिले के अतर्रा में सबसे ज्यादा 12 सेंटीमीटर वर्षा रिकार्ड की गयी. इसके अलावा वाराणसी तथा फूलपुर (इलाहाबाद) में 11-11 सेंटीमीटर, देवबंद (सहारनपुर) तथा राजघाट (वाराणसी) में नौ-नौ, झांसी में सात, चंदौली में छह, मिर्जापुर, इलाहाबाद, फुरसतगंज और सहारनपुर में पांच-पांच सेंटीमीटर, मौदहा (हमीरपुर) तथा राठ (हमीरपुर) में चार-चार, रायबरेली, घोरावल (सोनभद्र), प्रतापगढ़, नकुड (सहारनपुर), महोबा तथा मउरानीपुर (झांसी) में तीन-तीन सेंटीमीटर बारिश दर्ज की गयी. फिलहाल लखनऊ और आसपास के जिलों के लोगों के लिये निराशा ही हाथ लगी है.
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चौबेछपरा को बख्शने के मूड में नहीं दिख रही है गंगा
उधर, गंगा के जलस्तर में लगातार वृद्धि से द्वाबा के लोगों का खौफ बढ़ता ही जा रहा है. विशेष तौर पर चौबेछपरा गांव का अस्तित्व पर खतरा मंडरा रहा है. ग्रामीणों का पलायन तेज हो गया है. सोमवार को कटान में गांव निवासी अभिराम, अरुण, बसंत मिश्रा, जगपत और शंभू का घर गंगा में विलीन हो गया. लोग अपना अपना बोरिया बिस्तर समेट कर सुरक्षित स्थान की ओर भाग रहे है. घाघरा कृषि योग्य भूमि को लगातार निशाना बनाए हुए है. मझौंवा में गंगा के जलस्तर में वृद्धि का क्रम जारी है. गायघाट केंद्र पर प्रात: आठ बजे 56.840 मीटर जलस्तर दर्ज किया गया.
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88 लाख में बनी सड़क बारिश में 88 दिन भी नहीं चली
उधर, अब तक हुई बारिश की मात्रा चाहे जो हो. जिल में हो रहे विकास कार्यों की कलई खोलने भर की बारिश तो हो ही रही है. यहां बनने वाली सड़कें बारिश की दो धार भी बर्दाश्त नहीं कर पा रही हैं. जी हां, अमृतपाली-घोरौली मार्ग इन दिनों इसकी वजह से क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ है. महज एक महीने पहले बनी सड़क आज ऐसी हालत में है कि मानो ये वर्षों से कायाकल्प की बाट जोह रही है. 88 लाख रुपये की लागत से बनी यह सड़क दो बारिश भी नहीं झेल सकी और पानी में बह गई.
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