इलाज में ‘गोरखधंधा’, गई विवाहिता की जान

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बलिया लाइव संवाददाता

रसड़ा (बलिया)। कोतवाली क्षेत्र के नारायनपुर मौजा के रूपलेपुर के आक्रोशित ग्रामीणों ने मंगलवार की सुबह प्राइवेट नर्सिग होम में इलाज के दौरान एक महिला की मौत पर कोतवाली में जमकर प्रदर्शन किया. पति राजकुमार की तहरीर पर पुलिस ने नर्सिंग होम संचालिका व गांव की आशा बहू के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कर शव को कब्जे में लेकर पोस्मार्टम के लिए भेज दिया.

मऊ ले जाते वक्त रास्ते में ही विवाहिता ने दम तोड़ा

रूपलेपुर निवासी नीतू देवी (25) पत्नी राजकुमार को लेबर पेन (प्रसव वेदना) शुरू हुआ तो गांव की आशा बहू ज्ञानती देवी उसे सरकारी अस्पताल की जगह एक निजी नर्सिंग होम में भर्ती करवा दी. वहां नीतू ने एक बच्ची को जन्म दिया. हैरत की बात यह है कि बच्ची के जन्म के बाद ही नीतू की हालत बिगड़ने लगी, नर्सिंग होम संचालिका डॉ. निर्मला सिंह आजमगढ़ रवाना हो गईं. नीतू की बिगड़ती स्थिति के मद्देनजर परिजन उसे कहीं और ले जाना चाहें तो नर्सिंग होम प्रबंधकों ने उसे ऐसा करने से मना कर दिया. आधी रात गए जब कोई उपाय नहीं सूझा, तो नर्सों ने परिजनों को उसे और कहीं ले जाने को कहा. मऊ ले जाते समय नीतू ने हलधरपुर के समीप दम तोड़ दिया.

नर्सिंग होम एजेंट के तौर पर काम करने लगी हैं आशा बहुएं

नीतू की तीन साल की बेटी भी है. नीतू की शादी पांच साल पहले हुई थी. पति राजकुमार ने आरोप लगाया की आशा बहू ज्ञानती देवी से नीतू को सरकारी अस्पताल में ले जाने के लिए कहा था. मगर वह निहित स्वार्थ के चलते निजी नर्सिंग होम ले जाने पर अड़ी रही. तर्क यह था कि वहां अच्छा इलाज होगा. स्थानीय लोग बताते हैं कि इलाके की अधिकांश आशा बहुएं किसी न किसी नर्सिंग होम से जुड़ी हैं. उनका हिस्सा पहले से तय रहता है. वे कस्टमर फांसने का काम करती हैं. अमूमन ये आशा बहुएं उन्हीं मरीजों को सरकारी अस्पताल ले जाने देती हैं, जिनकी माली हालत बहुत खराब होती हैं.