दयाशंकर भाजपा से निष्कासित, एफआईआर दर्ज

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बलिया लाइव न्यूज नेटवर्क

दिल्ली/लखनऊ।  बहुजन समाज पार्टी की मुखिया मायावती पर अभद्र टिप्पणी करने वाले भारतीय जनता पार्टी की यूपी इकाई के उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह को पद से बुधवार को हटा दिया गया. उन्हें अन्य सभी जिम्मेदारियों से मुक्त कर दिया गया है. भाजपा के प्रान्तीय अध्यक्ष केशव प्रसाद मौर्य ने संवाददाताओं से कहा दयाशंकर सिंह को उपाध्यक्ष पद से हटा दिया गया है. ऐसी भाषा का उपयोग करने वाले व्यक्ति का भाजपा में कोई स्थान नहीं है. उधर, दया शंकर सिंह ने बुधवार को प्रेस वार्ता कर माफी मांग ली है.

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सीडी मिली है, जांच कर रहे हैं – यूपी पुलिस

दूसरी तरफ बसपा ने भी इस गंभीरता से लेते हुए दयाशंकर के खिलाफ एफआईआर दर्ज करा दिया है. दयाशंकर के खिलाफ  153A, 504, 509 IPC समेत एससी/एसटी एक्ट की धारा 310  तहत  मामला दर्ज किया गया  है. शिकायत मिलने के बाद यूपी पुलिस ने कहा, हमने एफआईआर दर्ज कर लिया है और पूरे मामले की जांच कर रहे हैं. हमें दयाशंकर द्वारा की गयी टिप्पणी की एक सीडी भी मिली है, जिसकी जांच की जा रही है.

दलितों को जोड़ने के भाजपा की मुहिम को लगा धक्का

बसपा सुप्रीमों मायावती पर अभद्र टिप्पणी कर विवादों में आये भाजपा नेता दयाशंकर सिंह का पहले भी विवादों से नाता रहा है. भाजपा ने निरंतर दयाशंकर को महत्व दिया, लेकिन अपने उग्र स्वभाव से वह पार्टी के लिए ही मुश्किल खड़ी करते रहे. भाजपा एक तरफ धम्म यात्रा और दलित महापुरुषों के प्रति श्रद्धावान होकर इस समाज को जोड़ने की मुहिम में लगी है और दूसरी तरफ दयाशंकर ने अभद्र टिप्पणी कर पार्टी की मुहिम को झटका दिया है.

मऊ में पत्रकारों से बातचीत के दौरान फिसली जुबान

मालूम हो कि भाजपा उपाध्यक्ष दयाशंकर सिंह ने मंगलवार को मऊ में संवाददाताओं से कहा, मायावती कांशीराम के सपने को चूर-चूर कर रही हैं. मायावती टिकट बेच रही हैं. श्री सिंह ने आरोप लगाया, मायावती एक करोड़ रूपये में टिकट बेचती हैं और अगर किसी ने दो करोड़ रूपये दे दिए तो एक घंटे के अंदर वह इसे दो करोड़ में बेच देती हैं. अगर शाम तक किसी ने तीन करोड़ रूपये दे दिए तो वह उसी को टिकट दे देती हैं. इसके बाद श्री सिंह ने कहा कि  ”वह .. से भी बदतर हैं. कांशीराम के समय से बसपा के लिए काम कर रहे इसके कार्यकर्ता पार्टी छोड़ रहे हैं.”  गौरतलब है कि प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष बनने के बाद वह कार्यकर्ताओं से मुलाकात करने पहली बार मऊ आए थे.

राज्यसभा में भी हुई बयान की चौतरफा निंदा

सिंह की टिप्पणी की महिला सांसदों सहित राज्यसभा के सदस्यों ने कड़ी निंदा की. उपसभापति पी. जे. कूरियन ने कहा कि सदन चाहता है कि सरकार भाजपा नेता के खिलाफ उनकी ”अक्षम्य” टिप्पणी के लिए कानून के मुताबिक कड़ी कार्रवाई सुनिश्चित करे. सिंह के बयान की चौतरफा निंदा हुई. निंदा करने वालों में राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद, द्रमुक की कनिमोई, कांग्रेस की कुमारी शैलजा और रेणुका चौधरी, माकपा के टी.के. रंगराजन और बसपा के सतीश चंद्र मिश्रा शामिल हैं और उन्होंने भाजपा नेता के खिलाफ कार्रवाई किए जाने की मांग की.