यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.
सिकंदरपुर (बलिया)। राज्य सरकार के आश्वासन के बावजूद महाविद्यालयी पेंशनरों को जनवरी माह के पेंशन के साथ जुलाई 2016 से बढ़ा डीए नहीं दिए जाने से उनमें शासन के वादाखिलाफी के विरुद्ध असंतोष व्यर्थ है.ं
लाखों बुजुर्ग पेंशनरों की उपेक्षा यदि आक्रोश में बदली तो यह चुनावी माहौल में सत्ताधारी पार्टी पर भारी पड़ सकता है. पेंशनर डॉ. कृष्णगोपाल गुप्त ने बताया कि भारत सरकार ने 4 अप्रैल 2016 के अपने आदेश द्वारा जनवरी 2016 के पूर्व के सभी पेंशनरों को पेंशन पुनर्निरीक्षण के लिए मूल वेतन का 50% देय अनिवार्य कर दिया था.
कार्मिक एवं पेंशन विभाग के इस आदेश के अनुपालन में राज्य सरकार ने सरकारी विभागों के पेंशनरों के लिए 5 जुलाई 2016 को आदेश तो निकाल दिया, जबकि डिग्री कॉलेज के पेंशनरों को इस असुविधा से अब तक वंचित रख उनके साथ अन्याय किया जा रहा है. चेतावनी दिया है कि सरकार कि यह उपेक्षापूर्ण व्यवहार चुनाव में सपा पर निश्चित रुप से भारी पड़ेगा.