बिल्थरारोडः बागियों ने बढ़ाया सियासी ट्वेंटी 20  का रोमांच

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

बिल्थरारोड (बलिया) से अभयेश मिश्र

वर्ष 2017 का बिल्थरारोड विधान सभा का चुनाव इतिहास के पन्ने में जोड़ेगा नया अध्याय. आजादी के बाद वर्ष 2012 में तीसरी बार नये परिसीमन के फलस्वरूप बिल्थरारोड विधान सभा का उदय हुआ. बिल्थरारोड विधान सभा गठन से पूर्व के इतिहास पर एक नजर डाली जाए तो यह क्षेत्र रसड़ा विधान सभा में समाहित था. आजादी के बाद सन् 1952 में हुए चुनाव के समय रसड़ा विधान सभा सुरक्षित था और इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रामरतन राम निर्वाचित हुए.

इसके बाद रसड़ा विधान सभा 1957 से 1967 तक सामान्य सीट हो गया और 1957 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के ही गंगा सिंह ने अपना परचम लहराया. इसके बाद सन् 1962 में रसड़ा विधान सभा का विभाजन हो गया, जिसके परिणाम स्वरूप सीयर विधान सभा उदय हुआ और कांग्रेस के मान्धाता सिंह ने विधायक के रूप में अपना पहला परचम लहराया. सन् 1967 के चुनाव में सोशलिस्ट पार्टी के शिवालाल विधायक बने. सन् 1969 में निर्दल प्रत्याशी के रूप में बब्बन सिंह ने जीत का परचम लहराया. सन् 1974 के विधान सभा चुनाव में कांग्रेस के रफीउल्लाह ने जीत हासिल किया और सन् 1977 के चुनाव में भी रफीउल्लाह ने दुबारा अपना कब्ज़ा बरकरार रखा.

सन् 1980 के चुनाव में बब्बन सिंह ने निर्दल प्रत्याशी के रूप में कड़े संघर्षो के बाद जीत दर्ज कर दूसरी बार विधायक बने. सन् 1985 के विधान सभा चुनाव में शारदानन्द अंचल ने लोकदल प्रत्याशी के रूप में जीत हासिल कर विधायक बने. 1989 के विधान सभा चुनाव में शारदानन्द अंचल ने जनता दल के प्रत्याशी के रूप में दूसरी बार अपना परचम लहराया. सन् 1991 में भाजपा के हरिनारायण राजभर विधायक बने. 1993 के विधान सभा चुनाव में समाजवादी पार्टी के टिकट पर शारदानन्द अंचल तीसरी बार विधायक बने.

सन् 1996 के विधान सभा चुनाव में भाजपा के हरिनारायण राजभर ने दूसरी बार विधायक बने. वर्ष 2002 के चुनाव में सपा प्रत्याशी के रूप में शारदानन्द अंचल सीयर विधान सभा के चौथी बार विधायक बने. सन् 2007 के चुनाव में पहली बार बसपा के केदारनाथ वर्मा निर्वाचित हुए. इसके बाद वर्ष 2012 के नये परिसीमन सीयर विधान सभा को सुरक्षित कर इसका नाम बिल्थरारोड विधान सभा कर दिया गया. इस चुनाव सपा के गोरख पासवान बने. वर्ष 2017 के विधान सभा चुनाव के लिए विभिन्न राजनीतिक दलों सपा से पुनः विधायक गोरख पासवान, बसपा से पूर्व मंत्री घूरा राम, बीजेपी से धनन्जय कनौजिया व निर्दलीय प्रत्याशी  के रूप में सपा के बागी राजेश पासवान तथा बीजेपी के बागी प्रत्याशी इंजीनियर प्रवीण प्रकाश भी अपना भाग्य आजमाएंगे. देखना यह है की इस चुनाव में किसके सर पर जीत का सेहरा बधेगा.