राष्ट्र गान का व्यावसायिक दुरुपयोग बर्दाश्त नहीं – डीएम

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बलिया। सर्वोच्च न्यायालय के आदेश पर जिलाधिकारी गोविन्द राजू एनएस ने भारत के राष्ट्र गान के लिए निर्देश देते हुए कहा है कि इसका वित्तिय फायदा अथवा किसी प्रकार का लाभ देने के लिए किसी प्रकार का व्यावसायिक दुरूपयोग नहीं किया जायेगा. राष्ट्रगान का उपयोग इस प्रकार नहीं किया जायेगा कि जिससे प्रत्यक्ष अथवा अप्रत्यक्ष रूप से जुडे़ व्यक्ति का किसी प्रकार का व्यावसायिक लाभ अथवा अन्य किसी प्रकार का लाभ हो. कहा कि राष्ट्र गान का नाट्य रूपांतर नहीं किया जाएगा और इसे किसी वैरायटी शो के भाग के रूप में शामिल नहीं किया जाएगा. बताया कि जब राष्ट्र गान गाया जाता है अथवा बजाया जाता है तो वहा उपस्थिति प्रत्येक व्यक्ति इसे यथोचित आदर और सम्मान देगा. कहा कि राष्ट्र गान के नाट्य रूपांतरण प्रदर्शन के बारे में सोचना भी पूर्णरूपेण कल्पनातीत है.

जिलाधिकारी ने कहा है कि राष्ट्र गान अथवा इसके किसी भाग को किसी वस्तु पर छापा नहीं जायेगा और कभी भी ऐसे स्थान पर इस प्रकार से प्रदर्शित नहीं किया जाएगा, जो इसकी मर्यादा के लिए असम्मानजनक और असम्मान के समतुल्य हो. उन्होंने कहा कि सभी सिनेमा हाल फीचर फिल्म प्रारम्भ होने से पहले राष्ट्र गान बजाएंगे और हाल में उपस्थित सभी व्यक्ति राष्ट्र गान को सम्मान देने के लिए खड़ा हो जाएंगे. सिनेमा हाल के पर्दे पर राष्ट्र गान बजाये जाने अथवा गाये जाने से पहले प्रवेश और निकास द्वार बन्द रहेंगे. कहा कि सिनेमा हालों में जब राष्ट्र गान बजाया जाय तो पर्दे पर राष्ट्रीय ध्वज दिखाई दें. कहा कि राष्ट्र गान का लघु रूप न तो बजाया जाएगा और न ही प्रदर्शित किया जाएगा.