बलिया में अपने घर के लिए बेघरों को करना पड़ सकता है लंबा इंतजार

This item is sponsored by Maa Gayatri Enterprises, Bairia : 99350 81969, 9918514777

यहां विज्ञापन देने के लिए फॉर्म भर कर SUBMIT करें. हम आप से संपर्क कर लेंगे.

बलिया लाइव स्पेशल

शासन ने चालू वित्तीय वर्ष में पीएमएवाई  योजना के तहत कुल 6079 गरीब परिवारों को आवास मुहैया कराने का लक्ष्य निर्धारित किया है. इसमें से सामान्य व पिछड़े वर्ग के लिए जहां 1139 आवास निर्धारित किए गए हैं, वहीं अनुसूचित जाति के लिए 3424 एवं अनुसूचित जनजाति के 728 परिवारों को छत मुहैया कराया जायेगा. हितग्राहियों की संख्या के सापेक्ष उपलब्ध आवासों की संख्या सामान्य व पिछड़ी जाति का महज 2.92 प्रतिशत ही है. जबकि अनुसूचित जाति के 22.95 प्रतिशत एवमं जनजाति के 30.48 प्रतिशत ही चालू वित्तीय वर्ष में लाभान्वित हो पाएंगे. वही कुल अल्प संख्यक लाभार्थियों के 49.74 फीसदी अर्थात 788 आवास बनाये जाने की योजना है.

पीएमएवाई योजना के तहत  लाभार्थियों को दो समान किस्तों में 1.2 लाख रुपये की धनराशि के साथ-साथ 15660 रुपये मनरेगा से मजदूरी के रूप में तथा 12 हजार रुपये शौचालय के लिए प्रदान किया जायेगा. इस प्रकार कुल एक लाख 47660 रुपए से प्रत्येक  लाभार्थी को 30 वर्गमीटर क्षेत्रफल में मकान का निर्माण कराना होगा. जिले के लिए निर्धारित लक्ष्य में खास बात यह है कि इसके द्वारा सर्व प्रथम पोषण मिशन के बैजनाथपुर, केवरा, मुंडाडीह, माल्देपुर, नारायंपाली सहित 10 ग्रामसभाओं, ओडीएफ के केहरपुर, ताजपुर, सपही, उदयपुरा, गोठहुली सहित 10 गांव, आई स्पर्श के दो ग्रामसभा टिकादेऊरी व सिसवार कला, दो सांसद आदर्श गांव ओझवलिया व कुशहर तथा राष्ट्रीय ग्रमीण आजीविका मिशन के ताद्दीपुर, चंदायर, मंदा, रामपुर सहित पांच ग्रामसभाओं के शत-प्रतिशत हितग्राहियों को उक्त लक्ष्य से ही लाभान्वित करना है.

https://ballialive.in/14449/ballia-district-is-57-thousand-882-families-to-roof/

इन 29 ग्राम सभाओं के लगभग 1470 लाभार्थियों को संतृप्त करने के बाद अवशेष 4609 आवासों द्वारा जनपद के बाकी बचे 920 ग्राम पंचायतों के लाभार्थियों में प्राथमिकता के आधार पर वितरित किया जायेगा. यदि यही क्रम अगले वित्तीय वर्ष में भी जारी रहा तो जिले के सभी अल्पसंख्यक परिवारों के पास अपनी छत होगी, वहीं सामान्य, अन्य पिछड़ा वर्ग तथा अनुसूचित जाति एवं जनजाति के आवास विहीन परिवारों का इंतजार अभी और लंबा खिंच सकता है.