एक्स रे मशीन नहीं है, लेकिन टेक्नीशियन है, गाड़ी नहीं है, लेकिन ड्राइवर तैनात है

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बैरिया (बलिया)। लोकनायक जयप्रकाश नाराय़ण की जन्म भूमि पर बना सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र बलिया स्वास्थ्य विभाग की संवेदनशीलता का उदाहरण माना जा सकता है. बीते दो मई को अपने बैरिया आगमन पर प्रदेश के मुख्यमन्त्री ने इस सीएचसी का लोकार्पण करते हुए जेपी के गांव वासियों व आस पास के लोगों को सौगात दी.

हालात यह है कि पहले से पीएचसी से सीएचसी में अपग्रेड व लाखों की लागत से बने इस स्वास्थ्य केन्द्र पर पुरान चिकित्सक को ही तैनात रखा गया. यहां पर एक्सरे मशीन तो नहीं लगी, लेकिन एक एक्सरे टेक्नीशियन व सहायक टैक्नीशियन दो लोग तैनात कर दिए गए. जब एक्सरे मशीन नही तो टेक्नीशियन की क्या जरूरत, लेकिन ऐसा यहा हुआ है. इतने पर भी बस नहीं है. यहां कोई गाड़ी नहीं है, लेकिन ड्राइवर तैनात है. एन्टी रैबिज व सर्प दंश का इन्जेक्शन तो यहां दूर की बात है. सामान्य दवाओं की भी यहां किल्लत ही रहती है. वार्ड व्वाय व स्वीपर आदि यहां अब तक नहीं दिखे. स्वच्छता का अन्दाजा लगाया जा सकता है. सबसे गम्भीर इल्जाम यहां की आम महिलायें लगाती है. उनका आरोप है कि यहा टीकाकरण की कोई व्यवस्था नहीं है. टीकाकरण के निर्धारित समय पर पीएचसी मुरलीछपरा से आने वाली एएनएम बच्चो को तीस से दो सौ रुपये तक लेकर टीकाकरण करती है. अलबत्ता पोलियो की खुराक अभियान के दौरान बच्चों को मुफ्त लेकिन एहसान करने के अंदाज मे पिलाया जाता है.