रसड़ा और सिकंदरपुर में मरीजों और परोजनों पर ‘नोट की चोट’

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सिकन्दरपुर/रसड़ा (बलिया)। क्षेत्र के तमाम बैंकों में नोटों को बदलने, पैसा निकालने एवं पैसा जमा करने के लिए लोगों की लम्बी कतारें लगी रही. कई जगहों भारी भीड़ के चलते बैंक कर्मियों एवं पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. लोगों की लाइन बैँक खुलने के पूर्व ही लग गयी थी, जो देर शाम तक तक लगी रही. देखिए बलिया शहर के विनय कुमार उपाध्याय समेत लगभग ढाई दर्जन लोगों को बृहस्पतिवार की शाम 04.05 बजे सेंट्रल बैंक आफ इंडिया के मैनेजर ने क्या जवाब दिया

रसड़ा प्रतिनिधि के मुताबिक शुक्रवार को भी सबसे ज्यादा परेशान वह परिवार दिखे जिनके घरों में शादियों की तिथियां नजदीक हैं. पैसों की निकासी कम किए जाने से लोगों की समस्याएं बढ़ती ही जा रही हैं. आज हालात यह है कि लोगों के पास पैसा न होने के कारण जिनके घर शादियां हैं, उनके सारे कार्य रुक गये हैं तथा शादियां टूटने के कगार पर हैं. सरकार के निर्देश के बावजूद मेडिकल स्टोर वाले भी पांच सौ एवं एक हजार की नोटों पर दवाएं नहीं दी जा रही हैं. कई मरीजों का पैसा के अभाव में इलाज नहीं हो पा रहा है. यही हाल पेट्रोल पम्पो पर भी है. केन्द्र सरकार द्वारा नोट बदलने का फरमान भले ही राष्ट्र हित है. लेकिन सरकार ने पैसा निकालने पर ठोस नीति नहीं अपनायी तो कई घरों में शादियों की शहनाइयां मातम में बदल जाएगी तथा कई मरीज दवा के अभाव में दम तोड़ देंगे.

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उधर, सिकंदरपुर प्रतिनिधि के मुताबिक रिजर्व बैंक द्वारा बड़े नोटों का प्रचलन बंद करने की घोषणा के बाद दो दिन तो बैंक बंद रखे गए. फिर खुलने के दूसरे दिन भी यहां के प्रायः सभी शाखाओं पर ग्राहकों की काफी भीड़ रही. भीड़ में धक्का मुक्की के कारण शाखाओं के सामने अफरा-तफरी का माहौल बना रहा, जबकि बंद होने के कारण सभी बैंकों के एटीएम पर सन्नाटा पसरा है. भीड़ में जमा, निकासी, नोट बदलने वाले सभी तरह के ग्राहक शामिल थे. भीड़ के कारण बैंक कर्मियों को काम करने में जहां काफी दिक्कत पेश आई, वहीं उसे सभांलने में पुलिस को काफी मशक्कत करनी पड़ी. ग्राहकों की सर्वाधिक भीड़ एचडीएफसी बैंक पर थी, जहां घंटों लाइन में खड़ा होने के कारण ग्राहकों के पसीने छूट गए.

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